राजधानी लखनऊ के हुसैनगंज थाना क्षेत्र स्थित उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के सामने प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये सैकड़ों की संख्या में साल 2015 के अभ्यर्थियों ने जोरदार प्रदर्शन कर नियुक्ति पत्र जारी करने की मांग की। अभ्यर्थी शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, काफी देर तक चले हंगामे के बाद पुलिस ने उन्हें जबरन खदेड़कर हटा दिया। प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द उन्हें नयुक्तिपत्र नहीं दिया गया तो आंदोलन के बाध्य होंगे। साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव में भी प्रदेश सरकार को सबक सिखाएंगे। गौरतलब है कि इससे पहले बीते सोमवार को पुलिस भर्ती 2013 के अभ्यर्थियों पर पुलिस ने सोमवार दोपहर बर्बर लाठीचार्ज कर दिया था। इस दौरान अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश पुलिस प्रोन्नति एवं भर्ती बोर्ड के डीजी जेपी शर्मा पर आरोप लगाया था कि डीजी ने कहा है कि घर चले जाओ वर्ना यहाँ से तुम लोगों की लाश घर जाएगी।

प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती 2015 में 34716 अभ्यर्थियों के लिए विज्ञप्ति निकाली गई। 3 साल या भर्ती हाई कोर्ट में लंबित रही।इसके बाद 15 मई 2018 को रिजल्ट घोषित किया गया। इसमें तमाम तरह की गलतियां पाई गई। इसके कारण संशोधित रिजल्ट 21 मई 2018 को घोषित किया गया। इसमें 1366 पीएसी सामान्य वर्ग और 13 एससी महिलाओं का परिणाम नहीं निकाला गया। इसमें भर्ती बोर्ड ने 1366 पीएसी सामान्य वर्ग और एससी महिलाओं के सापेक्ष भर्ती बोर्ड ने 17 सितंबर को अभिलेखों की समीक्षा और शारीरिक मानक परीक्षा कराई। इसके बाद भर्ती बोर्ड ने 1366 पीएसी सामान्य वर्ग और एससी महिलाओं के पदों के सापेक्ष मेडिकल के लिए एक भी विज्ञप्ति नहीं निकाली। जबकि 2018 की पुलिस भर्ती के लिए मेडिकल और ट्रेनिंग सेंटर एलॉट कर दिए गए। जबकि 1366 पीएससी और 13 एससी महिलाओं के पदों के सापेक्ष भर्ती बोर्ड बैठा है। इसलिए अभ्यर्थियों ने बोर्ड से जल्द मेडिकल कराकर नियुक्ति देने की मांग की है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]सीएम योगी से की भर्ती में हस्तक्षेप की भी कर चुके मांग[/penci_blockquote]
प्रदर्शनकारी लालू पांडेय ने बताया कि पुलिस भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए पिछले महीने लखनऊ विधानसभा पर धरना प्रदर्शन किया गया था। प्रदेश भर से आये हजारों की संख्या में धरना कर रहे लोगों की माने तो 29 दिसंबर 2015 में पुलिस भर्ती तथा प्रोन्नति बोर्ड ने 34716 सिपाहियों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकला था। जिसकी विज्ञापन संख्या पीआरपीवी एक-1 (82)2015 थी। सर्वोच्च प्राथमिकता में रखते हुए निश्चित अवधि के भीतर ये भारती प्रक्रिया पूरी होनी थी। प्रदर्शन करने वालों का कहना है कि इस मामले में भर्ती प्रक्रिया पूरी हो रही थी। लेकिन कुछ अराजक तत्व अभ्यार्थी जिनका इस भर्ती से कोई मतलब नहीं था। उन्होंने उच्च न्यायालय में इस मामले में याचिका (संख्या-C 3336/2016) दायर कर दी। इसके बाद 27 मई 2016 को न्यायलय के आदेश पर भर्ती के अंतिम परिणाम को रोक दिया गया था। उन्होंने बताया की शुरूआती दौर में प्रदेश के सरकार अधिवक्ता ने प्रभावी पैरवी की थी। लेकिन वर्तमान में लापरवाही और उचित पैरवी न होने के चलते 28916 पुरुषों और 5800 महिलाओं की भर्ती नही हो पा रही है। प्रदर्शनकारियों का कहना है हम सीएम योगी से इस मामले में सहयोग और हस्तक्षेप करने की मांग की थी। जिससे उच्च न्यायालय द्वारा सुरक्षित किये गए भर्ती परिणामों को जारी किया जा सके और जल्द से जल्द ये भर्ती पूरी हो सके।

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