मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को एक साल आज पूरा हो गया। इस एक साल में योगी सरकार ने बहुत अच्छे काम किया। अपराधियों में यह खौफ तो इस कदर कायम हुआ कि उनमें जमानतें निरस्त कराकर कोर्ट में सरेंडर करने की होड़ लग गई। अपराधियों में पुलिस का खौफ इस कदर व्याप्त हो गया कि वह जेल से बाहर आने में भी घबरा रहे हैं। जो अपराधी जेल के बाहर हैं वो अंडरग्राउंड हो गए हैं। मुख्यमंत्री की सबसे खास बात यह है कि वे जब भी लखनऊ में होते हैं, ज्यादातर समय एनेक्सी स्थित अपने कार्यालय में ही बिताते हैं।

मिर्जापुर पुलिस का एक साल का रिपोर्ट कार्ड

योगी सरकार के 1 वर्ष पूरे होने पर मिर्जापुर पुलिस ने रिपोर्ट कार्ड पेश किया है। पुलिस के मुताबिक, एक साल में 15 बलात्कार के मामले दर्ज हुए जबकि छेड़खानी की 35 घटनाएं प्रकाश में आईं। हत्या के 30 मामले दर्ज हुए जबकि पुलिस ने 22 इनामियों को गिरफ्तार कर लूट, हत्या, चोरी जैसे मामलों का खुलासा किया। इसके अलावा 10 लूट की घटना, 50 छिनैती, 105 चोरी की घटनाएं हुईं। पुलिस ने 20 बदमाशों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जबकि 35 छेड़खानी के आरोपियों को जेल भेजा गया।

एक साल में 1300 मुठभेड़, 44 अपराधी ढ़ेर

वर्तमान प्रदेश सरकार के एक साल के कार्यकाल में पुलिस व अपराधियों के बीच मुठभेड़ की 1300 घटनाएं हुईं, जिसमें 44 अपराधी मारे गए, 330 अपराधी घायल हुए और 3067 अपराधी गिरफ्तार किए गए। पुलिस ने अपने इस अभियान में अपराधियों की लगभग 150 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त भी की। इस एक साल में 44 अपराधियों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने का प्रभाव ही माना जा रहा है कि अब तक लगभग साढ़े पांच हजार अपराधी कोर्ट में सरेंडर कर चुके हैं।

संगठित अपराध पर यूपीकोका की लगाम

बदतर कानून-व्यवस्था के लिए पूर्ववर्ती सपा शासन को कोसते रहे योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री का पद संभालते ही इसे अपना ‘प्राइम एजेंडा’ बना लिया। संगठित अपराध पर प्रभावी रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार यूपीकोका विधेयक भी लेकर आई। यह विधेयक विधानसभा से पास होकर विधान परिषद में लंबित है। पुलिस ने केवल अपराधियों के खिलाफ ही नहीं बल्कि भू-माफिया के खिलाफ भी सख्त रुख अपनाया।

1531 भू-माफियाओं पर 2596 मुकदमे

प्रदेश में 1531 भू-माफियाओं को चिह्नित कर उनके विरुद्ध विभिन्न धाराओं में 2596 मुकदमे दर्ज किए गए। इन मुकदमों में 1922 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई जबकि 460 अदालत में हाजिर हो गए। इसी तरह छह की कुर्की करते हुए 7.45 करोड़ रुपये की अवैध सम्पत्ति जब्त की गई। लेकिन कुछ विपक्षियों का कहना है कि कुल मिलकर अगर देखा जाये तो वर्तमान सरकार ने पिछली सपा सरकार के प्रोजेक्टों की जांच कराने में समय निकाल दिया। इस सरकार में नया कुछ भी ज्यादा नहीं हुआ।

एक साल की उपलब्धियों पर एक नजर

➡प्रदेश में माफिया एवं गुंडाराज समाप्त कर कानून का राज स्थापित किया।
➡36 हजार करोड रुपए के प्रावधान से 86 लाख लघु एवं सीमांत किसानों का फसल ऋण मोचन।
➡गन्ना किसानों को 27000 करोड़ रुपए का गन्ना बकाया मूल्य का भुगतान।
➡किसानों ने 37 लाख मीट्रिक टन गेहूं की रिकॉर्ड खरीद, जो पिछले वर्ष से 4.5 गुना ज्यादा है।
➡किसानों से 42.54 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद,12620 करोड़ का भुगतान।
➡इन्वेस्टर्स समिट का सफल आयोजन, लगभग 4.70 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव।
➡प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 12.5 लाख आवासों का निर्माण।
➡101000 किलोमीटर सड़कों को गड्ढा मुक्त कर आवागमन सुगम किया।
➡परिषदीय विद्यालय में कक्षा 1 से 8 तक के 1 करोड़ 54 लाख 22 हजार बच्चों का नामांकन, प्रथम बार नि:शुल्क स्वेटर, जूता, मोजा एवं यूनिफार्म का वितरण।
➡शुचितापूर्ण ढंग से हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट की परीक्षाएं संपन्न।
➡56000 मजरों का विद्युतीकरण, सौभाग्य योजना के अंतर्गत 32 लाख परिवारों को विद्युत कनेक्शन।
➡150 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस सेवा संचालित, 92 लाख बच्चों का जेई/एईएस से बचाव के लिए प्रतिरक्षण।
➡उज्ज्वला योजना के अंतर्गत 65 लाख गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन।
➡2 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार प्रशिक्षण प्राप्त कर प्लेसमेंट कराया।

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