उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में चौकी इंचार्ज पर एक टेम्पो चालक की बेरहमी से पिटाई का आरोप लगा है. बता दें कि जिस पुलिस कर्मी पर पीड़ित ने पिटाई करने का आरोप लगाया है, वही चौकी इंचार्ज पूर्व में भी विवादो के घेरे में रह कर विभाग की किरकिरी कराता रहा है।

प्रदेश में जहां एक तरफ डीजीपी व सूबे के सीएम पुलिस व जनता के बीच सामजंस्य बनाकर न्याय देने की बात कर रहे हैं, वहीं रायबरेली में ठीक इसके उलट हालत यह है कि चौकी इंचार्ज की बात ना मानने का खामियाज़ा एक टेम्पो चालक को इस कदर भुगतना पड़ा कि अब वह चलने फिरने की हालत में भी नहीं है.

लकड़ी ले जाने से मना किया तो कर दी पिटाई

तस्वीरों में जिस व्यक्ति को आप देख रहे हैं यह सरेनी थाना क्षेत्र का वही पीड़ित है जिसने चौकी इंचार्ज गेगासों जेपी यादव के कहने से अपने टेम्पो में लकड़ी नहीं लादी तो चौकी इंचार्ज का कहर इस गरीब टेम्पो चालक पर टूट पड़ा. आलम ये है कि टेम्पो चालक चलने फिरने को मोहताज हो गया। पीड़ित श्यामलाल का कहना है कि चौकी इंचार्ज ने उसके गुप्तागों पर जमकर लातों से वार किए जिसकी वजह से वह चल भी नहीं पा रहा है।

चौकी इंचार्ज का विवादों से है चोली दामन का नाता:

जिस दरोगा पर पिटाई करने का आरोप टेम्पो चालक ने लगाया है वह दरोगा आए दिन विवादों में रहकर पुलिस विभाग की किरकिरी कराता रहा है.

बता दें कि दरोगा ने पिछले कुछ माह पूर्व एक एबीवीपी कार्यकर्ता को थप्पड़ जड़ दिया, जब मामला बढ़ने लगा तो दरोगा ने एबीवीपी कार्यकर्ता से सार्वजनिक रूप में लिखित माफी मांगकर विभाग की जमकर किरकिरी करायी. इतना ही नहीं इसी दरोगा पर कुछ दिन पहले एक महिला ने बयान करने के लिए रात में बुलाने का आरोप लगाया है।

एसपी ने भिजवाया अस्पताल, कार्यवाही का दिया भरोसा

चौकी इंचार्ज के लगातार विवादों में रहने के कारण विभाग की जमकर किरकिरी होती रहती है मगर जिम्मेदार कार्यवाही करने में कतराते रहते हैं.

जब पीड़ित ने एसपी को अपनी व्यथा बताई तो एसपी ने पीड़ित को अस्पताल भेजकर इलाज शुरू कराया, वहीं पूरे मामले पर जब एसपी सुजाता सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है, मामले की जांच सीओ को सौंपी गई है, आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

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