2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर बीजेपी की तैयारी शुरू हो गयी है। देश में सबसे अधिक 80 लोकसभा वाले राज्य उत्तर प्रदेश में फिर से जीत हासिल करने के लिए पीएम मोदी राज्य का लगातार दौरा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 जुलाई को आजमगढ़ में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे परियोजना का शिलान्यास करेंगे। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में मोदी की यात्रा की अपनी सियासी अहमियत है। पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर सपाई पहले से दावा कर रहे थे कि इस एक्सप्रेसवे का शिलान्यास 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कर चुके हैं। आखिर में सपा का ये दवा सच साबित हो गया है।

अखिलेश ने 2016 में किया था शिलान्यास :

आजमगढ़ में पीएम मोदी के द्वारा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के शिलान्यास के पहले ही ये विवादों में घिर गया है। एक्सप्रेस-वे के शिलान्यास पर सवाल उठ रहा है क्योंकि सपा सरकार ने अपने अंतिम बजट में समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की घोषणा की थी। 22 दिसंबर 2016 को तत्कालीन सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ में इसका शिलान्यास भी कर दिया था। इसके अलावा सपा सरकार में ही इस एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण शुरू हो गया था लेकिन 2017 में यूपी में बीजेपी की सरकार बनने के बाद इसका नाम बदलकर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे कर दिया गया। इसके साथ ही सरकार ने अपने पहले बजट में इसके निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रूपया दिया है।

सपाई उठा रहे सवाल :

अखिलेश यादव द्वारा इस एक्सप्रेसवे के शिलान्यास हो जाने के बाद भी बीजेपी सरकार इसका शिलान्यास करा रही है जिसके लिए 14 जुलाई को पीएम मोदी आजमगढ़ आ रहे हैं। पीएम के कार्यक्रम की घोषणा के बाद सपाई काफी कोर्धित हैं। मुलायम सरकार में उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रहे रामआसरे विश्वकर्मा, शिब्ली कालेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष पप्पू यादव आदि ने कार्यक्रम पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिसका शिलान्यास दो साल पहले हो चुका है उसका दोबारा शिलान्यस करने का क्या मतलब है। वास्तव में पीएम मोदी को इसका सही समय पर लोकापर्ण करना चाहिए था।

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