मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद से अब उत्तर प्रदेश में 15 जुलाई से पॉलिथीन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लग जाएगा.

इस अभियान कि अगुवाई कानपुर करेगा. पॉलीथीन प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है. इस पर रोक लगाना बहुत जरूरी हो गया था.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ में आयोजित बैठक में प्रदेश की समस्त नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्षों ने प्रतिभाग किया था.

सीएम ने प्रदेश में पॉलिथीन के प्रयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने को अभियान चलाने के निर्देश दिए है.

15 जुलाई से पॉलिथीन में लगा प्रतिबंध:

मुख्यमंत्री ने कहा कि पॉलिथीन सड़े-गले प्लास्टिक से तैयार की जाती है.

जिसमें घरेलु या अन्य उपयोगी सामान रखकर ले जाने पर वह दूषित हो जाता है.

उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज और बुजुर्ग घरों में बर्तनों के स्थान पर भोजन ग्रहण करने के लिए वृक्षों के पत्तों का उपयोग करते थे.

क्योंकि प्रकृति से प्राप्त हुई कोई भी वस्तु कभी हानि नहीं पहुंचा सकती.

इसलिए पॉलिथीन में रखकर घर में लाया गया सामान पकने से पहले ही दूषित हो जाता है. जो कि घातक सिद्ध हो सकता है.

इसलिए पॉलिथीन प्रयोग पर अंकुश लगाने के लिए एक मुहीम छेड़ी जा रही है.

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद नगर पालिका प्रशासन ने शहर के समस्त छोटे-बड़े व्यापारियों को नोटिस जारी किया है.

15 जुलाई तक पॉलिथीन स्टाक को खत्म करने का आदेश जारी किया है.

15 जुलाई से शहर में व्यापक रूप से पॉलीथीन के प्रयोग पर प्रतिबंध लग जाएगा.

पॉलिथीन इस्तेमाल करने पर होगी कार्यवाही:

चेयरमैन दीपमाला गोयल का कहना है कि मंगलवार को लखनऊ में बैठक में मुख्यमंत्री की ओर से पॉलिथीन के प्रयोग पर अंकुश लगाने को आदेश दिया गया.

जिसके अनुपालन में शहर के समस्त छोटे-बड़े व्यापारियों और दुकानदारों को 15 जुलाई के बाद पॉलीथीन का प्रयोग न करने को नोटिस जारी कर दिया गया है.

निर्धारित तिथि के बाद पालिका प्रशासन की ओर छापेमारी अभियान चलाया जाएगा.

अगर कोई भी पॉलिथीन का प्रयोग करते पाया गया या फिर दुकानों पर पॉलिथीन रखी पाई गई तो संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी.

 

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें