चालीस लाख की आबादी वाले गाजीपुर जिले को ट्रामा सेंटर के रूपए में मिला एक सौगात से कहीं कम नहीं है। इस ट्रामा सेंटर के बन जाने से जिले के लोगों को हीं नहीं बल्कि आसपास के जिले को लोगों को भी लाभ मिलेगा। लेकिन गाजीपुर के सीएमओ कार्यालय के पास बन रहा ये ट्रामा सेंटर में घटिया समाग्री का प्रयोग किया जा रहा है। जो तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है। ऐसे में जब इस बिल्डिंग की नीव ही कमजोर होगी तो यह दूसरे को जिंदगी कैसे दे सकती है।

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गाजीपुर में सीएमओ कार्यालय के पास 10 बेड के ट्रामा सेंटर का निर्माण कार्य चल रहा है। जिसकी कुल लागत तकरीबन पास 1 करोड़ 88 लाख की है। निर्माणाधीन इस ट्रामा सेंटर को बनाने के लिए अखिलेश सरकार में प्रस्ताव भेजा गया था जो पास हो गया था। जो अब बनना शुरू हो गया है। इस ट्रामा सेंटर के बन जाने से गाजीपुर जिले के साथ ही आस पास के अन्य जिलों को लोगों को भी लाभ मिलेगा।

बता दें कि गाजीपुर जिले में एक अस्पताल है जहां पर आए दिन सड़क दुर्घटना, गन शॉट और अन्य गंभीर मामलों में घायल मरीजों की संख्या प्रतिदिन कई दर्जन तक हो जाती। लेकिन गाजीपुर के इलौते जिला अस्पताल में सर्जन, योग्य चिकित्सक और चिकित्सा की सुविधा नहीं होने के कारण मरीजों को वाराणसी के लिए रेफर किया जाता है। लेकिन चिकित्सा के आभाव में बहुत सारे गंभीर मरीज इलाज के आभाव में रास्ते में ही दम तोड़ देते है। ऐसे में जब इस ट्रामा सेंटर के निर्माण की घोषणा हुई थी तो लोगों में उम्मीद कि किरण जगी थी। लेकिन निर्माणधीन इस ट्रामा सेंटर में घटिया निर्माण को देखकर लोगों की खुशी काफूर होती नजर आ रही है।

जब इस बात की जानकारी मीडिया को लगी तो मीडिया खुद मौके पर पहुंचक बन रहे घटिया ट्रामा सेंटर के निर्माण को देखा और वहां पर काम कर रहे मजदूरों और स्थानीय लोगों से जानकारी ली तो। मौके पर मौजूद मजदूर ने बताया कि सफेद बालू से नीव का काम किया जाएगा। पहले के किए गए कामों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वहीं स्थानीय लोगों ने बताया कि ट्राम सेंटर के बिल्डिंग में लाल बालू की जगह सफेद बालू का प्रयोग किया जा रहा है। इस ट्रामा सेंटर में की बिल्डिंग में घटिया सामाग्री का प्रयोग किया जा रहा है।

मामले की जानकारी मुख्य विकास अधिकारी चंद्र विजय सिंह से ली गई तो उन्होंने बताया कि सीएमओ के द्वारा जानकारी ली गई है। उनके द्वारा बताया गया है कि वहां पर छत का निर्माण हो रहा है। जिसमें छत की शटरिंग के लिए एक लेयर सफेद बालू का प्रयोग किया जाता है। जिससे कि बनने वाले छत में मेटेरियल चिपक न सके। लेकिन मीडिया के माध्यम से घटिया निर्माण की जानकारी मिली है। जिसको जांच करा लिया जाएगा। वहीं मामले में जिलाधिकारी के. बाला जी ने बताया कि ट्रामा सेंटर में घटिया निर्माण के कार्य की सूचना मिली है। जिसको एक्सईएएन पीएमजेएसवाई को जांच के लिए आदेश दे दिया गया है। दो दिन में इसका रिपोर्ट ले लिया जाएगा। अगर मानक के अनुरूप कार्य नहीं हो रहे है तो उससे संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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