कानपुर में पुलिस संवेदनहीनता के चलते बारह दिनों तक एक मासूम का शव नदी में सड़ता रहा।  मैनपुरी के रहने वाले दसवीं का छात्र का शव को नदी से पुलिस ने इसलिए नही निकाला क्योंकि उन्हे इसका पोस्टमार्टम कराना पड़ता। जब दूसरे थाना क्षेत्र में शव बरामद हुआ तो पता चला कि मैनपुरी के ओछा थाने में छात्र के अपहरण करने का केस दर्ज है।

अपहरण के बाद पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रहीं

घटना प्रदेश के कानपुर के ओछा थाना क्षेत्र के नगला का है। नगला इलाके के रहने वाले अशोक यादव अक्षरा पब्लिक स्कूल का दसवीं का छात्र था। जो 15 दिसम्बर को घर से स्कूल के लिए निकला । लेकिन वापस घर नही पहुंचा। घर वालों के  ढूंढने पर उसकी साइकिल एक नहर के पास से मिली थी। 16 दिसम्बर को ओछा थाने में छात्र के अपहरण का केस दर्ज हुआ । जिसके बाद मैनपुरी पुलिस छात्र को खोजने में जुट गयी ,घटना के बाद परिजन लगातार परेशान रहे।

नदी में बहता शव देख इलाके में मचा हड़कंप

वहीं, दूसरी तरफ 24 दिसम्बर को छात्र का शव ककवन थाना क्षेत्र में नदी में बहता हुआ दिखायी पडा। लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। लेकिन पुलिस ने शव को निकालने के बजाए उसे डंडे से आगे बढ़ा दिया। 12 दिनों बाद 5 जनवरी को उसका शव पनकी थाना क्षेत्र में नहर से बरामद हुआ तो उसकी स्कूल बेल्ट और कपडों के आधार पर शिनाख्त हुई। अशोक की मौत की सूचना से परिजनों में हड़कंप मच गया।

ककवन पुलिस की करतूत का एक वीडियो वायरल हुआ। जिसके बार एसएसपी ने नहर में आगे बहाए गए शव को खोजने का आदेश दिया। शिवराजपुर औऱ चौबेपुर की पुलिस नहर में शव खोजती रही लेकिन सफलता नही मिली। इधर पनकी थाना क्षेत्र के गुजैनी इलाके में नहर से छात्र का शव बरामद हुआ। पुलिस ने शव का पंचनाम भर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

एसएसपी कानपुर ने बताया कि ककवन एसओ ने नहर में मगरमच्छ होने की वजह से शव नही निकालने की बात कही थी। लेकिन अव एक सिपाही औऱ दो होमगार्ड पर कार्रवाई की जाएगी।

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