प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद सीएम योगी लगातार प्रदेश के विकास की बात करते है। लेकिन सरकार के अधिकारी नियमों अपने ही सरकार के आदेश को हवाहवाई कर देते दिखायी दे रहे है।

तकरीबन आठ हजार मतदाता करते है निवास

मामला प्रदेश के गोंडा जिले का है। सूबे में ये जिला बहुत ही प्रसिद्द माना जाता है। कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष भी इसी जिले के रहने वाले है। कई बार सांसद भी रहे है। लेकिन अगर जिले की विकास की बात करें तो सब सिर्फ और सिर्फ कागजों में होती है। इस सबका ताजा उदाहरण जिले के मजेहना ब्लाक से लगाया जा सकता है। इस ब्लाक में 22 मजरे है। जिसमें तकरीबन आठ हजार मतदाता निवास करते हैं।

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विधुत विभाग ताक पर रखकर कर रहा नियमों का अनदेखा

ग्राम पंचायत की आबादी लगभग 12 हजार है। ग्राम पंचायत में आधारडीह, गयाडीह, मंशापुरवा पश्चिमी, मंशापुरवा तेलियन, मंशापुरवा पंड़ित, पुजारी गांव, राजापुर खलवा, राजापुर उचवा, अयोध्या पुरवा, पूरेअकराम, रंजीतपुरवा, सुखापुरवा गोसाई, सुखापुरवा वर्मा, मझरैती, धोकलपुरवा, गुलरिहा, बल्दूक पुरवा, चौबे पुरवा, पंड़ित गांव, गोदहना व गुमान पुरवा मजरे हैं।

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गुलरिहा व मझरैती को छोड़कर शेष 20 मजरों में अब भी लोगों को बिजली नहीं मिल पा रही है।

ग्राम पंचायत में पिछड़ी जाति के लोगों की आबादी अधिक है।

गोदहना गांव में बिजली लगाने के उद्देश्य से पोल गिराए गए थे।

लेकिन छह माह बाद भी पोल लगाने के लिए कोई नहीं आया।

बिजली गांव में नहीं होने से गांव का विकास प्रभावित है।

यहां आपको ये भी बता दें कि सूबे के मंत्री श्रीकांत शर्मा लाख दावे करें लेकिन सूबे के इस जिले के कई गांव अभी भी अछुत नहीं है।

जहां पर लोग अपने गांव को चमचमाते हुए देखना चाहते है।

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