राजधानी लखनऊ के अलीगंज थाना क्षेत्र स्थित नए हनुमान मंदिर के पूर्व पुजारी की सोमवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। परिवारीजनों ने हत्या के आरोपित की गिरफ्तारी के लिए मंदिर के गेट पर शव रखकर प्रदर्शन किया। हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर प्रदर्शन खत्म करवाया। परिवार का आरोप है कि पुलिस आरोपित को बचाने का प्रयास कर रही है। मंदिर के सामने प्रदर्शन के कारण आवागमन ठप हो गया। लोगों का गुस्सा देखते हुए पुलिस भी काफी देर तक मूकदर्शक बनी रही। इसके बाद ट्रैफिक डायवर्ट किया गया। हालांकि कोई खास फायदा नहीं हुआ और लोग घंटों तक जाम से जूझते रहे।

गौरतलब है कि चंद्रिका देवी मंदिर से लौट रहे बाइक सवार अलीगंज के महावीर पुरवा निवासी अजय शुक्ला उर्फ डब्बू को 11 अक्टूबर की रात गोली मार दी गई थी। अलीगंज मंदिर के पुजारी रह चुके अजय को गंभीर हालत में ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया था। इलाज के दौरान सोमवार को मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम के बाद परिवारीजन शव लेकर अलीगंज स्थित नए हनुमान मंदिर पहुंचे और शव गेट पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। पिता वंशीधर शुक्ला के अनुसार गोली मारे जाने के बाद ट्रॉमा सेंट में भर्ती अजय ने पुलिस को बताया था कि मंदिर ट्रस्ट से जुड़े अधिवक्ता अनिल तिवारी से उनका विवाद चल रहा था।

अजय ने आशंका जताई थी कि अनिल ने ही हत्या की साजिश रचकर गोली मरवाई है। आरोप है कि इसके बावजूद अनिल के खिलाफ कार्रवाई तो दूर पुलिस ने पूछताछ तक नहीं की। मंदिर के गेट पर शव रखकर किए गए प्रदर्शन के दौरान बुजुर्ग पिता के साथ ही पत्नी नीलम, बेटे आलोक, आकाश, दोनों बेटियां समेत परिवार के अन्य लोगों ने आरोपित की तुरंत गिरफ्तारी की मांग उठाई। करीब डेढ़ घंटे तक हंगामा चलता रहा। पिता के अनुसार 2016 में मंदिर ट्रस्ट से जुड़े अनिल ने ही उनके बेटे को पुजारी पद से हटाया था। काफी देर चले हंगामे के बाद पहुंचे सीओ अलीगंज दीपक सिंह ने आरोपित की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन देकर प्रदर्शन खत्म करवाया।

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