उत्तर प्रदेश के अमेठी जिला में तिलोई ब्लाक के अंतर्गत जूनियर हाई पूरे लगड़ा मजरे पाकर गांव में तैनात प्रधानाध्यापक प्रवीण कुमार यादव को घोर लापरवाही के चलते खण्ड शिक्षाधिकारी तिलोई को बर्खाती की संतुती कर उच्च अधिकारी को सूचना प्रेषित करने के लिये मजबूर होना पड़ा।

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बताते चलें पूरे लगड़ा गांव मजरे पाकर सूबे के आवास विकास एवं कौशल विकास राज्य मंत्री सुरेश पासी का पैतृक गांव है। इससे प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था की कलई खुलती नजर आ रही है। यहां एक ओर प्रदेश सरकार गरीब घर के नन्हें-मुन्हे बच्चों को ड्रेस, जूता, मोजा व बैग, स्वेटर, माध्यान जैसी व्यवस्था देने के लिये प्रयासरत है। वहीं दूसरी ओर स्कूल आने का मुख्य मकसद शिक्षा विभाग की लापरवाही से उन्हें नसीब नहीं हो पा रही है।

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खण्ड शिक्षा अधिकारी केपी शुक्ला की माने तो प्रवीण कुमार काफी दिनो से स्कूल नहीं आ रहे थे। इनके द्वारा पूर्व में प्राथमिक विद्यालय पूरे मठिया मे बाउंड्री वाल का 1 लाख 41 हजार रुपया तथा सबितापुर प्राथमिक विद्यालय में हेराफेरी की गयी। इतना ही वर्तमान तैनाती स्थल पूरे लगड़ा में 70 हजार रुपये का गबन का अरोप है। महीनों से विद्यालय से गायब है। पढ़ाने का दायित्व रसोईया निभा रही है।

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विद्यालय में दो अध्यापक थे। जिसमें शिक्षामित्र को प्राथमिक विद्यालय सम्बद्ध कर दिया गया है, जिसमें मात्र दस बच्चे नामांकित हैं। यहां पर सवाल यह उठता है कि यदि प्रधानाध्यापक महीनों से विद्यालय नहीं आते तो क्यों नहीं उनके ऊपर कार्रवाई की गयी और दागी छबि होने के बाद क्यों नहीं वित्तीय अधिकार छीने गये। फिलहाल इनकी बर्खास्तगी की संतुति खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा कर दी गयी।

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