प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आयोजित हो रहे 15वें प्रवासी भारतीय दिवस में प्रवासी भारतीयों का स्वागत करने पहुंचे हैं। उनके साथ इस दौरान उनके साथ मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ भी हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप सभी के सहयोग से बीते साढ़े चार वर्ष में भारत ने दुनिया में अपना स्वभाविक स्थान पाने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है। पहले लोग कहते थे कि भारत बदल नहीं सकता। हमने इस सोच को ही बदल दिया है। हमने बदलाव करके दिखाया है। प्रवासी भारतीय दिवस के उद्घाटन समारोह में महात्मा गांधी रचित गीत “वैष्णव जन तो तेने कहिये जे…” की सुबह से पंडाल में गूंज होने लगी। भव्य स्क्रीन पर विश्व के विभिन्न देशों में इस गीत पर फिल्माए गए दृश्यों को प्रदर्शित कर विश्व भर से आए प्रवासियों को बापू के जरिये जोड़ा गया।
समारोह में अटल बिहारी बाजपेयी के भाषणों के भी अंश प्रदर्शित किये गए जिन्होंने प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन की नींव रखी थी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत दुनिया की तेज़ी से बढ़ती आर्थिक ताकत है और खेल जगत में भी हम बड़ी शक्ति बनने की तरफ निकल पड़े हैं। उन्होंने बिना स्वर्गीय राजीव गांधी का नाम लिये कहा कि हमारे देश के एक प्रधानमंत्री ने सत्ता में रहते हुये स्वीकार किया था कि दिल्ली से चला एक रुपया से मात्र 15 पैसा ही गरीबों तक पहुंचता है। उन्होंने भी इस लूट को रोकने के लिये कुछ भी नहीं किया। हमने इस लूट को खत्म किया और पांच लाख अस्सी हजार करोड़ रुपये सीधे जनता के खाते में दिये गये।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आप में से अनेक लोगों ने हमारे देश के एक पूर्व प्रधानमंत्री की भ्रष्टाचार को लेकर कही एक बात जरूर सुनी होगी। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार दिल्ली से जो पैसा भेजती है, उसका सिर्फ 15 प्रतिशत ही लोगों तक पहुंच पाता है। इतने वर्ष तक देश पर जिस पार्टी ने शासन किया, उसने देश को जो व्यवस्था दी थी, उस सच्चाई को उन्होंने स्वीकारा था। अफसोस रहा कि बाद के अपने 10-15 साल के शासन में भी इस लूट को, इस लीकेज को बंद करने का प्रयास नहीं किया गया। देश का मध्यम वर्ग ईमानदारी से टैक्स देता रहा, और जो पार्टी इतने सालों तक सत्ता में रही, वो इस 85 प्रतिशत की लूट को देखकर भी अनदेखा करती रही।
हमने टेक्नोल़ॉजी का इस्तेमाल करके इस 85 प्रतिशत की लूट को 100 प्रतिशत खत्म कर दिया है। साढ़े चार वर्षों में 5 लाख 78 हजार करोड़ रुपए यानि करीब-करीब 80 बिलियन डॉलर हमारी सरकार ने अलग-अलग योजनाओं के तहत सीधे लोगों को दिए हैं, उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किए हैं। आज भारत अनेक मामलों में दुनिया का अगुवाई करने के लिए तैयार है। हम ऐसे संसाधन तैयार कर रहे हैं जिससे अनेक देशों की समस्या दूर हो सकती हैं। आज इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में बढ़ रहे हैं तो स्पेस में भी बड़ी सफलता पा रहे हैं।
सरकार का पूरा प्रयास है कि आप सभी जहां भी रहें सुखी रहें और सुरक्षित रहें। बीते साढ़े 4 वर्षों के दौरान संकट में फंसे दो लाख से ज्यादा भारतीयों को सरकार के प्रयासों से मदद मिली है। भारत के गौरवशाली अतीत को फिर स्थापित करने के लिए 130 करोड़ भारतवासियों के संकल्प का ये परिणाम है। और मैं आज बहुत गर्व से कहना चाहता हूं कि इस संकल्प में आप भी शामिल हैं।बनारस नगरी चिरकाल से भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ज्ञान की परंपरा से दुनिया में देश का परिचय कराती रही है।
आप अपने दिलों में भारत और भारतीयता को संजोए हुए, इस धरती की ऊर्जा से दुनिया को परिचित करा रहे हैं। आज पूरा विश्वत हमारी बात को सुन रहा है और उन्हें अपना भी रहा है। सबका साथ सबका विकास के विजन पर चलते हुए इस देश ने बहुत कुछ पाया है। आज इकोनॉमिक क्षेत्र में भी हम आगे बढ़े हैं तो खेलों के क्षेत्र में भी आगे बढ़े हैं।आज हमारा युवा मेक इन इंडिया के तहत रिकॉर्ड स्तर पर मोबाइल फोन, कार, बस, ट्रक, ट्रेन बना रहा है, खेतों मे रिकॉर्ड अन्न  भी उपज रहा है। आज भारत अनेक मामलों में दुनिया की अगुवाई करने की स्थिति में है। इंटरनेशनल सोलर अलायंस ऐसा ही एक मंच है। इसके माध्यम से हम दुनिया को वन वर्ल्डं, वन सन, वन ग्रिड की तरफ ले जाना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं इस मंच पर पहले भी कह चुका हूं, आज फिर दोहराना चाहता हूं कि आप जिस भी देश में रहते हैं, वहां से अपने आसपास के कम से कम 5 परिवारों को भारत आने के लिए प्रेरित करिए। आपका प्रयास देश में टूरिज्म बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा। पासपोर्ट के साथ-साथ वीज़ा से जुड़े नियमों को भी सरल किया जा रहा है। हमारी सरकार ने PIO Cards को OCI Cards में बदलने की प्रक्रिया को भी आसान बनाया है। दुनियाभर में हमारी Embassies और Consulates को पासपोर्ट सेवा प्रोजेक्ट से जोड़ा जा रहा है। इससे आप सभी के लिए पासपोर्ट सेवा से जुड़ा एक Centralized System तैयार हो जाएगा। अब तो एक कदम आगे बढ़ते हुए चिप बेस्ड e-Passport जारी करने की दिशा में भी काम चल रहा है। आपकी सोशल सिक्योरिटी के साथ-साथ पासपोर्ट, वीज़ा, PIO और OCI कार्ड को लेकर भी तमाम प्रक्रियाओं को आसान करने का प्रयास सरकार कर रही है। प्रवासी भारतीयों के लिए कुछ महीने पहले ही एक नया कदम भी उठाया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रवासियों के लिए दूतावास को सेवाओ से जोड़ा जा रहा है। केंद्रीयकृत सेवा किया जा रहा हैओ। जल्द ही ई पासपोर्ट जारी होगा। ई वीजा मिलने से समय की बचत हो रही है। आप परिचित होंगे कि ओसी आई कार्ड को आसान बनाया गया है। आपकी सक्रिय भागीदारी मव पियास चल  रहा है। इनोवेशन में आप बडी भूमिका निभा सकते हैं। सभी कुछ एक साथ एक प्लेटफॉर्म पर ला रही है। प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना की शुरुआत की जा रही है। अपने आसपास के पांच परिवारों को भारत आने को प्रेरित करे तो यहां पर्यटन बढ़ेगा। 150 वीं बापू की जयंती हम मना रहे हैं। देश विदेश के लोगों ने कलाकारों ने वैष्णव जन को तेने कहिये गया। आपके देश में दूतावास भी आपकी मदद करता है। गुरुनानक जयंती पर भी आपके सहयोग की जरूरत है। नरेंद्र मोदी ने प्रवासी भारतीय दिवस के आयोजन के लिए काशीवासियों को विशेष रूप से प्रणाम किया। इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश सरकार और प्रशासन की भी सराहना की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समारोह में मौजूद सभी लोगों का स्वागत किया। उन्होंने खुद को मेजबान बताया। मैं यहां आपके सामने प्रधानमंत्री के साथ-साथ काशी का सांसद होने के नाते, एक मेजबान के रूप में भी उपस्थित हुआ हूं। बाबा विश्वनाथ और मां गंगा का आशीर्वाद आप सभी पर बना रहे, मेरी यही कामना है। आप सभी यहां अपने पूर्वजों की मिट्टी की तरफ से खिंचे चले आए हैं। आप सबका अभिनंदन है। दुनियाभर में बसे आप सभी भारतीयों से संवाद का अभियान हम सभी के प्रिय श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने शुरु किया था। अटल जी के जाने के बाद पहला प्रवासी भारतीय सम्मेलन है। इस अवसर पर मैं अटल जी को भी श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं, उनकी इस विराट सोच के लिए नमन करता हूं। पुर्तगाल, त्रिनिदाद-टोबैगो और आयरलैंड जैसे अनेक देशों को भी ऐसे सक्षम लोगों का नेतृत्व मिला है जिनकी जड़ें भारत में हैं।
आप सभी जिस देश में बसे हैं, वहां समाज के लगभग हर क्षेत्र में लीडरशिप के रोल में दिखते हैं। मॉरिशस को प्रविंद जुगनाथ जी पूरे समर्पण के साथ आगे बढ़ा रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने सिद्धगंगा मठ के मठाधीश शिवकुमार स्वामी के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि आज आपसे अपनी बात शुरू करने से पहले, मैं डॉक्टर श्री श्री श्री शिवकुमार स्वामी जी के निधन पर अपना शोक व्यक्त करना चाहता हूं। टुमकूर के श्री सिद्धगंगा मठ में, मुझे कई बार उनसे आशीर्वाद लेने का अवसर मिला था। आज का दिन मेरे लिए भी विशेष है।
 
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]29 जनवरी को करूंगा बच्चों से संवाद[/penci_blockquote]
पीएम मोदी ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से पिछले एक दो साल से कार्यक्रम कर रहा हूं। मार्च का महीना परीक्षा का महीना होता है। हर घर में तनाव का माहौल होता है। मैं हमेशा कोशिश कर रहा हूं कि सभी बच्चों से उनके परिजनों, शिक्षकों से मैं संवाद करूं। मुझे खुशी है कि इस 29 जनवरी को मैं देश और दुनिया के बच्चों से नरेंद्र मोदी ऐप के जरिए करोड़ो परिवार के साथ एक्जाम वॉरियर के संबंध में संवाद करने वाला हूं। 29 जनवरी सुबह 11 बजे ये कार्यक्रम होना है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]मॉरीशस के पीएम ने कहा- भारत व फ्रांस के बीच सोलर प्लांट समझौता ऐतिहासिक[/penci_blockquote]
मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद्र जगन्नाथ ने समारोह में सभी का स्वागत हिंदी में किया। इसके साथ ही उन्होंने सभी का आभार भी जताया। मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने कहा कि हम संस्कृति की गोद में हैं और यहां से गंगा जी का आशीर्वाद लेकर अपने अपने देश जायेंगे। उन्होंने स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, बेटी बचाओ समेत नरेंद्र मोदी सरकार की विभिन्न योजनाओं की तारीफ की। उन्होंने कहा कि भारत व फ्रांस के बीच सोलर प्लांट समझौता ऐतिहसिक है। मॉरीशस के पीएम ने कहा कि मुझे इस मंच से घोषणा करते हुये बहुत प्रसन्नता हो रही है कि अगले महीने मॉरीशस में हरियाणा सरकार के सहयोग से गीता महोत्सव का आयोजन किया जायेगा।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]भारत की प्रतिष्ठा बाहर के देशों में बढ़ी[/penci_blockquote]
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही मॉरीशस के पीएम प्रवींद जगन्नाथ का स्वागत किया। उन्होंने प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम मोदी के प्रयास से ही उत्तर प्रदेश में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर उन्होंने वाराणसी के साथ ही प्रयागराज के कुंभ के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि काशी की पुरातन काया को बनाए रखते हुए आधुनिकता के साथ उसे आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज नरेंद्र मोदी जी के प्रभावी नेतृत्व के कारण भारत की प्रतिष्ठा बाहर के देशों में बढ़ी है और उससे आप लोगों का गौरव और सम्मान भी बढ़ा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में मॉरीशस के लोगों ने अपनी संस्कृति बचा रखी है अपने रीति रिवाजों को संजो रखा है यह अनुपम उदाहरण है। प्रवासी भारतीय दिवस को काशी में आयोजित करना हमारे लिए गर्व की बात है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]सुषमा स्वराज ने कहा- पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रवासी भारतीय दिवस की गरिमा को बढ़ाया[/penci_blockquote]
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सभी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि प्रवासी दिवस के जन्मदाता अटल जी की स्मृति का भी समय है। यह दिवस उन्ही की देन है। 2004 से 2014 के बीच दिवस का महत्व घटता चला गया था। पीएम मोदी ने ने इस दिवस की गरिमा बढ़ाने के साथ इसमें जान भी फूंक दी। उन्होंने भारतवंशियों से सीधा संवाद का प्रयास किया। सुषमा स्वराज ने पिछली सरकार पर प्रवासी दिवस की उपेक्षा का आरोप लगाया।सुषमा स्वराज ने पीएम मोदी को सम्बोधित करते हुये कहा कि आप यहां आज दो भूमिका में हैं। पहली प्रधानमंत्री की दूसरी, बनारस के सांसद की। काशी वासियों ने इस प्रवासी भारतीय दिवस को अपने उत्साह और आतिथ्य से काशीमय कर दिया है।
उन्होंने कहा कि आज नरेंद्र मोदी जी के प्रभावी नेतृत्व के कारण भारत की प्रतिष्ठा बाहर के देशों में बढ़ी है और उससे आप लोगों का गौरव और सम्मान भी बढ़ा है। इस अवसर पर विदेश मंत्री ने उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच सामंजस्य को भी काफी सराहा। उन्होंने कहा राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच पटरी न बैठे तो उस प्रदेश का विकास विवाद की बलि चढ़ जाता है, लेकिन यूपी के राज्यपाल और मुख्यमंत्री एक ही पृष्ठ पर हैं इसलिए यहां का विकास तेज गति से हो रहा है।मेहमानों के स्वागत के दौरान सुषमा स्वराज मुख्य अतिथि मॉरीशस के पीएम का स्वागत करना भूलीं। अपनी भूल स्वीकार करते हुये उन्होंने उनका स्वागत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ डॉ. भीमराव अम्बेडकर राज्य स्तरीय क्रीड़ा संकुल लालपुर में 15वें प्रवासी भारतीय दिवस के कार्यक्रम में मंच पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, उत्तर प्रदेश मे राज्यपाल राम नाईक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर व विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह भी हैं। इससे पहले लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, बाबतपुर पर पीएम मोदी का स्वागत राज्यपाल राम नाईक, सीएम योगी आदित्यनाथ व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय ने किया।
ऐसा पहली बार होगा, जब यह तीन दिनी कार्यक्रम निर्धारित तिथि नौ जनवरी के बजाय 21 से 23 जनवरी को आयोजित किया जा रहा है। जिससे इस कार्यक्रम में पहुंचे लोग इलाहाबाद के कुंभ मेले में शामिल होने के साथ ही नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड को भी देख सकें। सम्मेलन के शुभारंभ कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवींद जगन्नाथ के बीच द्विपक्षीय वार्ता का दौर चलेगा। इस द्विपक्षीय वार्ता में विदेश मंत्री, विदेश राज्यमंत्री, मुख्यमंत्री के साथ ही अन्य देशों के प्रमुख सांसद, राजनयिक शामिल होंगे। नार्वे के सांसद हिमांशु गुलाटी के साथ न्यूजीलैंड के सांसद कंवलजीत सिंह बख्शी विशिष्ट अतिथि होंगे।
प्रधानमंत्री दोपहर करीब तीन बजे क्रीड़ा संकुल में बनाए गए अटल सभागार, डिजिटल कुंभ, अमर तल का अवलोकन करेंगे। पीएम ओडीओपी के स्टालों को भी देख सकते हैं। वहां से लगभग तीन बजे पंडित दीनदयाल हस्तकला संकुल पहुंचेंगे। वहां कुछ प्रवासियों से मुलाकात के साथ ही हस्तकला संकुल में हुए नवनिर्माण कार्यों व वस्त्र मंत्रालय की ओर से सोशल मीडिया के लिए तैयार किए गए एप का उद्घाटन करेंगे। साढ़े तीन बजे पीएम टीएफसी से एयरपोर्ट को रवाना होंगे और वहां से नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।
मॉरीशस के प्रधानमंत्री कल दोपहर पहुंचे और विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने उनकी अगवानी की। इसके बाद में विदेश मंत्री स्वराज ने मॉरीशस के प्रधानमंत्री से मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग को प्रगाढ़ करने समेत विभिन्न मुद्दों पर उनके साथ विचारों का आदान-प्रदान किया। ऐसा पहली बार होगा, जब यह तीन दिनी कार्यक्रम नौ जनवरी के बजाय 21 से 23 जनवरी को आयोजित किया जा रहा है, ताकि इस कार्यक्रम में पहुंचे लोग इलाहाबाद के कुंभ मेले में जा पाएं और गणतंत्र दिवस परेड भी देख सकें। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कल इसके समापन कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। प्रवासी भारतीय दिवस अब हर दो वर्ष पर मनाया जाता है। यह प्रवासी भारतीयों को अपनी जड़ों से फिर से जुडऩे के लिए एक मंच प्रदान करता है।
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