जनपद मेरठ के  फलावदा कस्बे के मोहल्ला पंछाली पट्टी स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने दलित बच्चों का स्कूल में एडमिशन करने को मना कर दिया जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया।

जानिए पूरा मामला:

जानकारी के अनुसार मंगलवार प्रातः मोहल्ला जगजीवन राम निवासी पीड़ित महिला सुनीता पत्नी संतरपाल ने बताया कि वह कस्बे के ही मोहल्ला पंछाली पट्टी स्थित सरकारी  प्राथमिक विद्यालय में अपने दोनों बच्चों का एडमिशन कराने स्कूल के प्रधानाध्यापक रहीसुद्दीन के पास पहुंची। उन्होंने जब अपने दोनों बच्चों का एडमिशन करने के लिए कहा तो स्कूल के प्रधानाध्यापक रहीसुद्दीन ने महिला को बताया कि इस स्कूल में दलित बच्चों का एडमिशन नहीं हो सकता।

गुस्साए ग्रामीणों ने स्कूल में किया बवाल:

महिला ने निराश होकर स्कूल के आस-पास गणमान्य लोगों से कहा कि स्कूल का मास्टर उसके दोनों बच्चों का एडमिशन करने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि वह दलित है। यह बात सुनकर मोहल्ले के गणमान्य लोगों ने स्कूल में पहुंचकर प्रधानाध्यापक को दलित महिला के साथ इस तरह के व्यवहार को लेकर खूब खरी खोटी सुनाई और उसके खिलाफ स्कूल में जमकर हंगामा किया। तब जाकर बड़ी मुश्किल से प्रधानाध्यापक ने बच्चों का एडमिशन करने के लिए आश्वासन दिया।
इस घटना में  मुख्य रूप से बजरंग दल के महामंत्री जयसिंह सैनी, कवल सिंह, विजय पाल सिंह, बृजपाल सिंह, हरफूल सिंह, रतन सिंह, सोनू, सुनील, ओमी लाल आदि शामिल थे।

प्रधानाध्यापक ने महिला का आरोप झूठा बताया:

इस संबंध में प्रार्थना विद्यालय के प्रधानाध्यापक रहीसउद्दीन का कहना है कि उन्होंने दलित महिला के बच्चों का एडमिशन करने के लिए मना नहीं किया बल्कि बच्चों के  आधार कार्ड मांगे गए थे। वह आधार कार्ड नहीं लाई और बिना आधार कार्ड के स्कूल में एडमिशन नहीं हो सकता। महिला द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं ऐसा नहीं है और वह बच्चों का एडमिशन करने के लिए तैयार हैं।
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