उत्तर प्रदेश की जेलों में अब कैदी भी खुद को असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। अभी हाल ही में बागपत जिला जेल में माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या कर दी गई थी, तो वहीं अब सुल्तानपुर जेल प्रशासन भी सवालों के घेरे में आ गया है। यहां जिला कारागार में एक कैदी संदिग्ध परिस्थितियों में फांसी पर लटका मिला। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

बैरक से दूसरे बैरक में जाने की नहीं होती है इजाजत
जैसे ही यह खबर फैली, अधिकारी और कई थानों की फोर्स जेल पहुंच गई। जिला कारागार में निरुद्ध कैदी को अपनी बैरक से दूसरे बैरक में जाने की इजाजत नहीं होती है, ऐसे में सवाल उठ रहा है कि मृतक कैदी बृजेश कुमार शुक्ल अपनी बैरक से निर्माणाधीन बैरक तक कैसे पहुंचा। जेल प्रशासन के अधिकारी इस सवाल का जवाब देने से कतरा रहे हैं। अपर पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत त्रिपाठी (ग्रामीण) व अपर पुलिस अधीक्षक डॉ मीनाक्षी कात्यायन मीडिया के सवालों से बचते नजर आए।

दो सालों से जेल में निरुद्ध था मृतक
जानकारी के मुताबिक, मामला सुल्तानपुर जिला कारागार का है। यहां बीती देर रात उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब यह खबर फैली कि जेल में गैंगेस्टर व फिरौती जैसी संगीन धाराओं में निरुद्ध कैदी ने संदिग्ध अवस्था में फांसी लगा ली है। देखते ही देखते जिला कारागार में जिले के आलाधिकारियों व कई थानों की फोर्स का जमावड़ा लगने लगा। रातभर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। सुल्तानपुर जिले के जिला कारागार में बंद बृजेश कुमार शुक्ला निवासी गोपालापुर थाना लम्भुआ ने निर्माणाधीन बैरक में संदिग्ध अवस्था में फांसी लगा ली। वह गैंगेस्टट व फिरौती जैसी संगीन धाराओं में लगभग दो सालों से निरुद्ध था।

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