इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले आज मंगलवार को मुरादाबाद मंडल के निजी डॉक्टर हड़ताल पर रहे. सुबह से ही अस्पतालों के गेट बंद कर दिए गए, इससे मरीजों को मायूस होकर लौटना पड़ा. कचहरी स्थित आइएमए भवन में पहले डाक्टरों की एक बैठक  आयोजित की गयी. जिसमें सरकार द्वारा लाये जा रहे नए बिल का विरोध किया गया. आइएमए में पदाधिकारियों ने कहा कि इससे न सिर्फ देश में चिकित्सा वयवस्था प्रभावी हो जाएगी,बल्कि कई और नयी तरह की समस्याएँ भी खड़ी हो जायेंगी.

हड़ताल से मरीज रहे हलकान

इस बिल के माध्यम से सरकार मेडिकल काउंसिल ऑफ़ इंडिया को खत्म करना चाहती है. डॉक्टरों ने बैठक के बाद अपने समर्थन के जुलूस भी निकाला और ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगे रखीं. कार्यवाहक अध्यक्ष डॉ वीके दीक्षित ने बताया की इस बिल से न सिर्फ डॉक्टरों का शोषण होगा बल्कि सबसे ज्यादा दिक्कत आम आदमी को होगी. प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को खुली छूट मिल जाएगी,जबकि अभी तक वो सरकार द्वारा आवंटित सीट ही भरते हैं. लेकिन अब साठ सीटें मैनेजमेंट कोटे से भरी जायेंगी. जाहिर सी बात है की गरीब बच्चों के माँ बाप वो फीस नहीं भर पाएंगे,और उनके बच्चे डाक्टर नहीं बन पायेंगे. 

ज्ञापन में डॉक्टरों ने निम्न मांगों को प्रमुखता से रखा:

  • मेडिकल काउंसिल की स्वायतता पहले की तरह बरकरार की जाये
  • प्राइवेट मेडिकल कालेज में सरकार की नियमों में दी जाने वाली ढील को खत्म हो
  • विदेशी छात्रों को बिना मेडिकल टेस्ट के प्रैक्टिस में दी जाने वाली छूट खत्म की जाए
  • प्राइवेट मेडिकल कालेजों को अपनी फीस स्वयं निर्धारित करने से रोका जाए

निजी डॉक्टरों की 12 घंटे की इस हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला. प्राइवेट डॉक्टरों के यहाँ जाने वाले मरीजों की संख्या जिला अस्पताल की तरफ रुख कर गयी. चूँकि डॉक्टरों ने इमरजेंसी सेवाओं को बहाल रखा था. इसलिए बहुत ज्यादा गंभीर मरीजों को दिक्कत नहीं हुई.

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