बाराबंकी में आज सवर्ण समाज के लोगों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया और सरकार के विरोध में नारेबाजी की। इससे यह स्पष्ट हो गया कि भारत बन्द में धीरे – धीरे ही सही मगर सवर्ण लामबन्द हो रहे है। कार्यक्रम में शामिल हो रहे लोग इसे ब्राह्मणों सहित पूरे सवर्ण समाज के लिए काले कानून की संज्ञा दे रहे है ।

मोदी सरकार को दी चेतावनी:

बाराबंकी जिले में एससी/एसटी एक्ट के विरोध में में सवर्ण समाज के लोग इतने गुस्से में है कि मोदी सरकार को भी चेतावनी देते हुए कह रहे है कि क्या सवर्णों को वोटों की मशीन समझा जा रहा है।

चेतावनी भरे लहजे में प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दिल्ली में सत्ताधारी मोदी सरकार इसे तत्काल वापस ले। बता दें कि कुछ दिनों पहले दलित आन्दोलन के तहत दलितों ने बड़ा आंदोलन किया था. मगर आज सवर्ण समाज आंदोलन में भी गुस्सा देखने को मिला।

पुलिस प्रदर्शन पर नियन्त्रण का किया प्रयास:

बाराबंकी मुख्यालय के पारिजात लान में आज राष्ट्रीय हिन्दू एक्शन कमेटी और राष्ट्रीय ब्राम्हण युवजन सभा के तत्वाधान में सवर्ण आज इकट्ठा हुए और पैदल मार्च कर प्रदर्शन किया।

सवर्णों के इस आन्दोलन को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने भी अपनी चाक – चौबन्द व्यवस्था दिखाई दी और सवर्णों द्वारा फूंके जा रहे पुतले को छीन कर हटा दिया।

एससीएसटी एक्ट के विरोध में आन्दोलन:

दरअसल यह सवर्ण जाति के लोग देश में लागू किया गया एससी /एसटी एक्ट के विरोध में यह प्रदर्शन कर रहे है । सवर्ण समाज के लोगों का गुस्सा केंद्र में सत्तासीन मोदी सरकार पर भी निकला ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चेतावनी देते हुए इस काले कानून को वापस लेने को कहा।

बहराइच से सांसद सावित्री बाई फूले का पुतला किया दहन:

इस दौरान सवर्ण समाज के लोगों ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करने के साथ ही उत्तर प्रदेश की बहराइच से भाजपा सांसद सावित्री बाई फूले का पुतला भी दहन किया.

मगर पुलिस ने इनके नेताओं से पुतला छीन लिया । इस दौरान सवर्ण नेताओं ने कहा कि आज़ादी से आज तक इस देश के लिए सबसे ज्यादा बलिदान सवर्णों ने दिया है, सबसे ज्यादा टैक्स सवर्ण भरते है, सबसे ज्यादा वोट भाजपा को देते है.

मगर फिर भी उनकी सांसद सावित्री बाई फुले द्वारा उनके समाज को कुत्ता कहा जाता है और भाजपा इस काले कानून को हम पर थोप देती है.

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]क्या हम वोटों की मशीन है. हमे भी ऐसे कानून से कष्ट होता है.[/penci_blockquote]

हमारी भावनाएं भी आहत होती है इस लिए इस काले कानून को तुरन्त वापस लिया जाए और सवर्ण आयोग का गठन किया जाए । जिससे हमारी भी आवाज बुलन्द हो सके हमारा भी कोई सुनने वाला हो सके ।

सावित्री बाई फूले का पुतला फूंकने के सवाल पर सवर्ण नेताओं ने कहा कि इस सांसद ने सवर्ण समाज के लोगों को कुत्ता कहा है जो बर्दास्त करने योग्य नही है क्या सिर्फ दलित ही इस देश में रहते है , क्या सिर्फ उनकी ही भावनाएं आहत होती है । इसी लिए ऐसी भाजपा सांसद का सार्वजनिक रूप से पुतला दहन किया गया है ।

इनपुट: दिलीप तिवारी 

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