उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्ण नाथ के अंतर्गत बजाज हिंदुस्तान चीनी मिल में काम करने वाले मजदूर की करंट लगने से मौत हो गयी. जिसके बाद परिजनों ने मिल प्रशासन को मजदूर की मौत का ज़िम्मेदार ठहराते हुए उसका शव मिल के गेट पर रख धरना प्रदर्शन किया. वहीं उप जिलाधिकारी और वरिष्ठ भाजपा नेता ने मामले को संज्ञान में लेते हुए एक यूनियन पैनल बनाया है. 

करंट लगने से मजदूर की मौत:

लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्ण नाथ के अंतर्गत बजाज हिंदुस्तान चीनी मिल में कुमारन टोला गोला का रहने वाला मजदूर राजन पांडे ठेकेदारों की तरफ से चीनी मिल में मजदूरी कर रहा था. जहाँ बीते दिन उसकी करंट लगने से मौत हो गयी.

जिसके बाद मृतक मजदूर के परिजन उसके शव को लेकर मिल के बाहर धरने पर बैठ गये. परिजनों का आरोप है कि मिल में मजदूरी करने वाले उनके बेटे को लाइनमैन बना कर बिजली के तार सही करने को भेजा गया था.

मजदूर को लाइनमैन बना चढ़ाया बिजली के खंभे पर:

वहीं इस दौरान बिजली के खंभे पर बगैर लाइन कांटे उसे चढ़ा दिया गया.

जिसके कारण मजदूर ने जैसे ही बिजली का तार पकड़ा तो उसे करंट का झटका लगा और वह 25 फीट ऊंचे खंभे से गिर गया.

इससे मजदूर की मौत हो गई.

मृतक के परिजनों ने इसके लिए मिल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया.

वहीं इस पूरे मामले में मिल प्रशासन पूरी तरह से संवेदनहीन है

चीनी मिल प्रशासन पर परिजनों ने लगाया आरोप:

मिल प्रशासन की तरफ से अब तक कोई सुनवाई नहीं किये जाने से नाराज परिजनों ने मिल के गेट पर शव रख कर धरना दिया.

हालांकि कुछ अधिकारी आये और आश्वासन देकर चले गये. लेकिन उनकी मांगे अब तक पूरी नही की गयी हैं.

परिजनों ने ये भी बताया कि जब वे शव को लेकर आ रहे थे तो पुलिस जीप ने उन्हें रोका लेकिन इसके पीछे का कारण उन्हें नहीं पता.

घंटों शव गेट पर रख किया प्रदर्शन:

वहीं मामला संज्ञान में आने के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता रिंकू शुक्ला भी मौके पर पहुँच गये और बताया कि परिजनों का मांग पत्र उन्हें मिल गया.

साथ ही गोला के उपजिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी सहित मिल कर 6 लोगों का यूनियन पैनल बनाया गया है. वहीं इस पैनल में मृतक के परिवार का भी एक सदस्य होगा.

उपजिलाधिकारी के नेतृत्व में बना पैनल:

ये यूनियन पैनल परिजनों की लिखित मांगों को पूरा करवाने का प्रयास करेगा.

बता दें कि परिजनों ने 30 लाख रुपये मुआवज़ा और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी संग सरकारी आवास की मांग की है.

परिजनों ने ये भी एलान किया है कि सभी मांगे जब तक पूरी नहीं होंगी तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं कराया जायेगा.

वहीं मिल प्रशासन की लापरवाही के चलते मजदूर की मौत होने के कारण उनपर भी कार्रवाई करने की मांग उठाई है.

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