आगरा में एसिड पीड़िताओं द्वारा संचालित ‘शी-रोज कैफे पर नगर पालिका का बुलडोजर चलाया गया हैं. बता दें कि शीरोज का आधा हिस्सा सरकारी जमीन पर बना हुआ था और पीडब्यूडी को सड़क का चौडीकरण करना है. जिसके चलते नगर पालिका ने शीरोज कैफे को गिरवा दिया. 

आधी सरकारी जमीन पर बना है कैफे:

आगरा के फतेहाबाद रोड स्थित शीरोज कैफे के आधे हिस्से को नगर पालिका ने गिरवा दिया. गौरतलब हैं कि शीरोज कैफे एसिड पीड़िताओं का एक सहारा है, जहाँ पर एसिड पीड़ित महिलाएं काम करती हैं.

नगर पालिका द्वारा कैफे तुडवाने का कारण ये है कि वहां सड़क का विस्तार करने की योजना है. लेकिन आधा कैफे सरकारी जमीन पर बना हुआ था. जिसकी वजह से पीडब्ल्यूडी को कैफे तुडवाना पड़ा.

सरकार से मदद की गुहार:

वहीं इससे कैफे का कारोबार प्रभावित हुआ है. कैफे टूटने के बाद एसिड अटैक की पीड़िताओं ने योगी सरकार से गुहार लगाई हैं कि उनको जमीन या दूसरी जगह दी जाए.

कैफे की मैनेजर रूपा ने बताया कि कैफे की कमाई से एसिड अटैक पीड़िताओं का घर चलता है। साथ ही पीड़िताओं की सर्जरी का खर्च भी उठाया जाता हैं। लेकिन सरकार हमारे सपनों, हौंसलों को बढ़ाने के बजाय तोड़ रही है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस कैफे में चाय पी थी। अखिलेश यादव ने शिरोज कैफे के अलग ब्रांच के लिए स्थान देने की बात भी कही थी। साथ ही इस कैफे में हिंदी सिनेमा व राजनीति जगत के कई दिग्गज आ चुके हैं।

सड़क के चौड़ीकरण की योजना:

जिस जगह पर शीरोज कैफे हैं वहां से हाईवे भी करीब है. जिसको लेकर लोक निर्माण विभाग की अपनि योजनायें हैं. इन्हीं के चलते सड़क का चौडीकरण होना है. लेकिन कैफे का कुछ भाग सरकारी जमीन पर होने और सड़क के बीच मे आने की वजह से लोक निर्माण विभाग ने कैफे को तुडवा दिया.

सपा प्रवक्ता जूही सिंह का बयान:

वहीं कैफे तोड़े जाने के बाद सपा प्रवक्ता जूही सिंह ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाते हुए कहा कि ऐसिड अटैक पीड़ितों द्वारा संचालित शीरोज कैफे को योगी सरकार ने ज़बरदस्ती हटा दिया है.

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