एक दौर था जब अमेठी कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था। गांधी परिवार लगातार यहा सक्रिय रहता है फिर भी पिछले विधानसभा चुनावों में अमेठी जिले की पांच विधानसभा सीटों में से केवल दो ही कांग्रेस के खाते में आईं लेकिन एक विधायक ने कांग्रेस छोड़ बसपा का दामन थाम लिया।
सपा ने पलट दी बाजी
- अब अमेठी में कांग्रेस का केवल एक विधायक है।
- जिले में कांग्रेस को सपा ने कड़ी टक्कर दी और तीन सीटों पर जीत दर्ज कराई जबकि तिलोई और जगदीशपुर में दूसरे नंबर पर रही।
- जबकि 2007 के विधानसभा चुनावों में मामला उल्टा था, उस वक्त कांग्रेस को 3, और सपा-बसपा के खाते में 1-1 सीट गई थी।
- गौरीगंज और तिलोई विधानसभा सीट पर कांग्रेस नहीं जीत पाई थी लेकिन वह दूसरे नंबर पर रही।
- इन्हीं आकड़ो को देखते हुए राहुल गांधी अमेठी में जनसभा कर कांग्रेसी प्रत्याशियों के पक्ष में वोट मांग यूपी के इस विधान सभा चुनाव में कांग्रेस किले को मजबूत करना चाहते हैं।
अपनी जमीन मजबूत करना चाहते हैं राहुल
- गौरतलब है कि पिछले लोक सभा चुनावों में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को अमेठी से कड़ी टक्कर दी थी।
- उस समय पॉलिटिकल पंडितों का मानना था कि कांग्रेस का यह अभेद्द किला अब दरकने लगा है।
- इसके अलावा चुनाव हारने के बाद भी जिस तरह से स्मृति ईरानी अमेठी का दूर कर जनसंपर्क करती रहीं।
- उससे कहीं न कहीं कांग्रेस के माथे पर भी चिंता की लकीरें साफ नजर आने लगीं थी।
- यहां तक कहा जा रहा था कि 2019 में कांग्रेस के हाथ से अमेठी छीन सकता है।
- लोकसभा चुनावों में बीजेपी प्रत्याशी स्मृति ईरानी से कांग्रेस उपाध्यक्ष को मिली कड़ी टक्कर के बाद कांग्रेस पार्टी 2019 से पहले अपने इस मजबूत किले की पुख्ता घेराबंदी करना चाहती है।
- ताकि कोई बड़ा उलटफेर न हो सके।
- यही वजह है कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बाद कांग्रेस अमेठी की ज्यादातर सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करना चाहती है।
अमेठी में मोदी सरकार पर निशाना साध सकते हैं राहुल
- यूपी विधान सभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस पार्टी का मोदी सरकार पर हमले का दौर जारी है लगातार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रहे हैं।
- आज अमेठी में राहुल गांधी की गौरीगंज, मुंशीगंज और जगदीशपुर में जनसभाएं हैं।
- वह बीजेपी व नरेंद्र मोदी को अपने निशाने पर फिर ले सकते हैं, इसे देखने के लिए भीड़ भी जुटेगी।
- निःसंदेह इन दिनों कांग्रेस की सभाओं में भीड़ जुट रही है तटस्थ होकर कहा जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा में जितनी भीड़ होती है, उतनी भीड़ राहुल गांधी की सभाओं में तो नहीं हो रही है।
- लेकिन पहले की अपेक्षा अब राहुल गांधी को लोग गंभीरता से लेने लगे हैं यही कारण है कि अमेठी में कांग्रेसी प्रत्याशियों सहित समर्थकों में भी खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।