राजकीय किशोर संप्रेक्षण गृह में बच्चों को जबरन इसाई धर्म को की शिक्षा दिए जाने की शिकायत बाल आयोग से की गई है। उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग द्वारा अचानक यहां छापा मारा गया तो यह सच सामने आया। आयोग ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे तत्काल बंद करने का आदेश दिया है। यह सच भी सामने आया कि यहां बच्चों की बेरहमी से पिटाई होती है। उनकी पीठ पर पिटाई की वजह से बने चोट के निशान देखकर आयोग सदस्य भी सिहर गए। आयोग ने इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजने और प्रशासन को कड़ी कार्यवाही करने के लिए कहा है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]बच्चों को सिखा रहे ‘तुम्हारे भगवान मर गए हैं'[/penci_blockquote]
बाल आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता ने बताया कि आयोग सदस्य डॉ. सुचिता चतुर्वेदी, डॉ. प्रीति वर्मा, डॉ. अनीता साहू के साथ संप्रेक्षण गृह में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। यहां बच्चों ने बताया कि संप्रेक्षण गृह के बच्चों को शिक्षा देने वाली संस्था खिदमत के विपुल नामक व्यक्ति द्वारा वहां के बच्चों को यह सिखाया जाता है कि “तुम्हारे भगवान मर गए हैं, तुम ईसा मसीह की प्रार्थना करो, वही एकमात्र ईश्वर हैं।” आयोग के अध्यक्ष ने एक सवाल के जवाब में माना कि संप्रेक्षण गृह के बच्चों के धर्मांतरण की कोशिश हो रही है। डॉ. विशेष ने बताया कि जिन अधिकारियों को इसकी जांच करनी चाहिए वह भी कुछ नहीं कर रहे। जिस पर आयोग ने कड़ी नाराजगी जताई है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]बच्चों को नहीं मिल रही कोई कानूनी मदद, सीएम से करेंगे शिकायत[/penci_blockquote]
अध्यक्ष ने कहा कि अपने निरीक्षण में आयोग ने पाया कि विभिन्न मामलों में यहां रखे गए बच्चों को कोई कानूनी मदद नहीं मिल रही है। अध्यक्ष ने कहा कि पिछड़े डेढ़ साल से 2 सालों से किसी बच्चे के मामले में अदालत में कोई कार्यवाही नहीं की गई। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग ने मंडलों की समीक्षा के दौरान आयोग के कार्यक्रम की जानकारी मंडलायुक्त को दे दी थी। इसके बाद भी संप्रेक्षण गृह समेत अन्य ग्रहों के निरीक्षण के दौरान किसी तरह के प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया।उन्होंने कहा कि वे इस सारी गड़बड़ियों की शिकायत मुख्य सचिव मुख्यमंत्री से करेंगे।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]भोजन की सामग्री के साथ रखे मिले कीटनाशक [/penci_blockquote]
अध्यक्ष ने बताया कि संप्रेक्षण गृह के भंडारे में भोजन की सामग्री के साथ ही फिनाइल और बेगान जैसे कीटनाशक रखे थे। इसके अलावा वहां जो सामान मंगाया गया था उसका खरीद दाम वास्तविकता से कहीं अधिक दर्शाया जा रहा है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]बच्चों को सिखाने के लिए आई सिलाई मशीनें खा रही जंग[/penci_blockquote]
इन किशोरों को अपराधों से निकाल कर खुद के पैरों पर खड़ा करने के लिए संप्रेक्षण गृह में प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। इसके लिए जो सिलाई मशीनें आई थी वह स्टोर में जंग खा रही थी। कोई और प्रशिक्षण भी बच्चों को नहीं दिया जा रहा है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]पिटाई के लिए खरीद कर लाये गए हैं प्लास्टिक के डंडे[/penci_blockquote]
बच्चों ने बताया कि शंकर दादा, तिवारी व अवस्थी नाम के दो लोगों द्वारा छोटी-छोटी बात पर उनकी पिटाई की जा रही है। इसके लिए उन लोगों ने प्लास्टिक के डंडे खरीदे हुए हैं। बच्चों ने अपने कपड़े उतार कर हाथों पैरों और पीठ पर चोट के निशान आयोग को दिखाएं। आयोग ने कहा कि आरोपों की जांच करवाई जाएगी।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]क्षमता से ज्यादा बालगृह में रखे गए बच्चे[/penci_blockquote]
इस संप्रेक्षण गृह की क्षमता 100 किशोर अपचारियों की है। इसमें लखनऊ के 72, उन्नाव के 36, रायबरेली के 26 और हरदोई के 8 किशोर बच्चे रखे गए। यहां बच्चों की क्षमता से अधिक बच्चे रखे गए हैं।

[penci_related_posts taxonomies=”undefined” title=”Cirme News” background=”” border=”” thumbright=”yes” number=”4″ style=”grid” align=”none” displayby=”post_tag” orderby=”random”]

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें