देवरिया कांड के बाद उत्तर प्रदेश सरकार भले ही संवेदनशील और सख्त नज़र आ रही हो मगर पूरे प्रदेश में संरक्षण गृह में छापेमारी के बावजूद राजधानी के मोतीनगर स्थित राजकीय बाल गृह का प्रशासन अब भी कुम्भकर्ण की नींद सो रहा है. जिलाधिकारी कौशल राज के निर्देश पर जिला प्रशासन ने 23 संरक्षण गृहों की पड़ताल की. इस पड़ताल में जहाँ सफ़ाई नदारद नज़र आई वहीँ सुरक्षा भी भगवन भरोसे दिखी.

दिए दस्तावेज दुरुस्त करने के निर्देश:

जिला प्रशासन की टीम ने पूरे लाव लश्कर के सोमवार रात देर रात लीलावती मुंशी निराश्रित बाल गृह का निरीक्षण किया था. जिसके बाद बाल गृह प्रशासन को रजिस्टर अपडेट करने के निर्देश दिए.  इस आदेश के बाद बाल गृह कर्मी रजिस्टर अपडेट करने में ही व्यस्त नज़र आये.

इनकी हुई जांच

सुरक्षा भगवान भरोसे:

मोहन रोड का स्पर्श दृष्टि बाधित बालिका विद्यालय बिना किसी सुरक्षाकर्मी के भगवान् भरोसे चल रहा है. यहाँ कुल 97 लड़कियां रहती है, जिनकी सुरक्षा एक चपरासी के जिम्मे है.डीएम ने जब यहाँ का निरीक्षण किया तो 97 बच्चियों में 92 मौजूद थी, जबकि 5 अवकाश पर थी. जिलाधिकारी ने यहाँ फ़ौरन सुरक्षाकर्मी तैनात करने के निर्देश दिए. यही हाल 16 बच्चों वाले इंदिरानगर के आशा ज्योति स्कूल का भी है. यहाँ भी सुरक्षाकर्मी के नाम पर मात्र एक चपरासी मौजूद है.

अलीगंज स्थित श्रीराम औद्योगिक अनाथालय में जब जिला प्रशासन की टीम ने मुआयना किया तो बाहर सन्नाटा मगर अन्दर कड़ी सुरक्षा नजर आई. यहाँ व्यवस्था चाक-चौबंद नजर आई. इस अनाथालय में 22 बच्चे रह रहे है.

शौचालय में गंदगी का अंबार:

95 बच्चों वाले मोहनगंज के राजकीय मूक बधिर विद्यालय के शौचालय में गंदगी का अंबार लगा है. वर्तमान में 17 बच्चे अवकाश पर है. प्रशन ने उनके घर पर फ़ोन कर इसकी तसल्ली की.

महिला शरणालय में केवल पुरुष होम गार्ड तैनात:

प्रयाग नारायण रोड के राजकीय महिला शरणालय में 76 बच्चे है. जिला प्रशासन की टीम ने निरीक्षण के बाद महिला होमगार्ड तैनात करने के निर्देश दिए. वहीँ मुमताज दारुल यातमा, अमीनाबाद में सुरक्षा के नाम पर केवल एक होमगार्ड तैनात है. यहाँ 87 बच्चे पंजीकृत है.

कुल मिलाकर छापेमारी की कार्रवाई को देखते हुए कुछ संरक्षण गृह, व्यवस्थाओं को लेकर मुस्तैद दिखे जबकि कुछ की नींद अब भी नहीं टूटी.

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