यूपी की 2 लोकसभा सीटों गोरखपुर और फूलपुर पर होने वाले उपचुनाव के लिए मतदान के प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इन उपचुनावों में पहली बार बसपा ने अपने चिर प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी को समर्थन दिया है। इसके बदले में सपा राज्य सभा चुनावों में बसपा प्रत्याशी को जिताने में समर्थन करेगी। सपा-बसपा के बीच हुए इस गठबंधन से भाजपा समेत कई नेता अपनी टिप्पणी कर रहे हैं। इसी क्रम में अब सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके और कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राजा भैया ने सपा और बसपा के गठबंधन पर बड़ा बयान दे दिया है।

अमेठी पहुंचे राजा भैया :

पूर्व मंत्री और कुंडा से विधायक राजा भैया अमेठी के गौरीगंज में एक निजी कार्यक्रम के लिए पहुंचे हुए थे। इस दौरान वहां मौजूद मीडिया से बात करते हुए पहली बार राजा भैया ने सपा-बसपा गठबंधन पर अपना बयान दिया। उन्होंने कहा कि नेताजी के कारण ही कांशीराम पहली बार इटावा से लोकसभा पहुंचे थे।

इसके बाद भी उनके पार्टी ने नेताजी को धोखा दिया तो ऐसे में उन पर बहुत ज्यादा विश्वास नहीं करना चाहिए। राजा भैया ने मायावती पर कहा कि वे बिना किसी स्वार्थ के किसी को समर्थन दे, ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। उन्होंने कहा कि उन्होंने कितनी ईमानदारी से सपा को समर्थन दिया, ये वोटों की गिनती के समय पता चल जायेगा।

 

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जनता देगी जवाब :

राजा भैया ने कहा कि अभी तो चुनाव होना बाकी है ऐसे में कौन सी पार्टी जीत रही है, ये कहना गलत होगा। उन्होंने कहा कि 11 मार्च के बाद पता चल जाएगा कि इस गठबंधन को जनता ने कितना ज्यादा स्वीकार है। राजा भैया ने आगे कहा कि सपा और बसपा के कार्यकर्ता खुद एक-दूसरे पर भरोसा नहीं कर रहे हैं। ये कोई हमारी व्यक्तिगत राय नहीं, जमीनी हकीकत है।

बता दें कि बसपा सरकार रहते राजा भैया पर पोटा लगा कर उन्हें जेल भेज दिया गया था जिसके बाद उन्हें बाहर निकालने में मुलायम सिंह यादव ने बहुत मदद की थी। इसके बाद से राजा भैया मुलायम सिंह यादव को अपना राजनैतिक गुरु मानने लगे थे।

 

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