भारतीय जनता पार्टी भले ही प्रदेश में कानून-व्यवस्था दुरूस्त करने और सुशासन का दावा कर रही हो लेकिन सीएम आवास के बाहर आये दिन हो रहे आत्मदाह के प्रयास प्रदेश में फैले जंगलराज की पोल खोल रहे हैं। ताजा मामला उन्नाव जिला का है यहां भाजपा विधायक के भाई के आतंक से परेशान पीड़ित परिवार ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर सामूहिक रूप से आत्मदाह की कोशिश की। इस घटना से मौके पर हड़कंप मच गया। आनन-फानन में मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने सभी पीड़ितों को हिरासत में लिया जिनसे पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

बलात्कार की शिकायत के बाद दे रहा गोली मारने की धमकी

जानकारी के मुताबिक, उन्नाव के बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सिंह की दबंगई थमने का नाम नहीं ले रही है। आरोप है कि विधायक के भाई और उसके गुर्गो ने माखी थाना क्षेत्र में रहने वाले एक परिवार को घर मे घुसकर 3 अप्रैल को जमकर मारपीट की थी। आरोप है कि बेटी को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म करने की शिकायत के बाद भाजपा विधायक के भाई ने परिजनों को जमकर पीटा था। पीड़िता ने रोते हुए बताया कि उसके पिता और चाचा को बुरी तरह से इस गुण्डे अतुल ने पीटा था। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं उल्टा पीड़ित परिवार के खिलाफ ही मुकदमा पंजीकृत कर दिया। आरोप है कि अब आरोपी अतुल सिंह उसके चाचा और पिता को गोली मारने की धमकी दे रहे है। पीड़ित परिवार का कहना है कि जब पिता और चाचा ही नहीं रहेंगे तो वो जिन्दा रहकर क्या करेंगे।

पीड़िता सहित परिवार के नौ लोग करने पहुंचे थे आत्मदाह

रविवार को दोपहर करीब 12 बजे पीड़ित परिवार में रेप पीड़िता लड़की अपनी मां, चाची और दादी सहित चार बहनों व् एक मासूम भाई के साथ गौतमपल्ली थाना क्षेत्र में आत्मदाह करने पहुंची। परिवार ने जैसे ही पाने ऊपर मिटटी के तेल छिड़ककर आग लगाने की कोशिश की वैसे ही हड़कंप मच गया। पीड़ित परिवार जान देने की बात कह रहा था। उसे लगातार धमकियां मिल रही हैं लेकिन लापरवाह हो चुकी उन्नाव पुलिस सत्ता के दबाव के आगे पीड़ितों पर ही जुल्म ढहा रही है। अब देखने वाली बात होगी कि क्या पीड़ित परिवार को न्याय मिल पायेगा या नहीं?

अपर पुलिस अधीक्षक को गोली मारने का है भाजपा विधायक का भाई

भाजपा विधायक कुलदीप सिंह का भाई अतुल सिंह कोई एक मामले में अपराधी नहीं है। इस गुंडे पर अपर पुलिस अधीक्षक को गोली मारने का आरोप है। भाजपा विधायक की गुंडागर्दी का अंदाजा इसी बात से लगता जा सकता है कि उसने पुलिस की मौजूदगी में परिजनों को जमकर पीटा और पुलिस खड़ी तमाशा देखती रही थी। इतना ही नहीं पुलिस ने बेशर्मी दिखाते हुए घायल पीड़ित पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया। इसकी गुंडई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने इस घटना को अंजाम पुलिस की मौजूदगी में दिया और पुलिस खड़ी तमाशा देखती रही। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि भाजपाई गुंडे ही प्रदेश की कानून-व्यवस्था को किस तरह ध्वस्त करने में लगे हुए हैं।

इससे पहले भी रेप पीड़िता कर चुकी आत्मदाह का प्रयास

इससे पहले 2 अप्रैल 2018 को बाराबंकी जिला की रहने वाली एक रेप पीड़ित महिला ने लखनऊ में सीएम आवास के पास आत्मदाह की कोशिश की थी। पीड़ित महिला का आरोप है कि करीब 2 साल पहले उसके साथ कुछ लोगों ने गैंगरेप किया था। उसने थाने तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने छेड़छाड़ का केस दर्ज किया। पुलिस ने गैंगरेप के केस में उचित धाराएं नहीं लगाई। वह पुलिस से न्याय की गुहार लगाती रही, लेकिन उसकी बात को अनसुना कर दिया गया। पुलिस ने न्याया न मिल पाने के कारण पीड़ित महिला कालीदास मार्ग पर स्थित सीएम योगी आदित्यनाथ के आवास के पास पहुंची। वहां खुद को आग के हवाले कर दिया।

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