सूबे में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में चल रहे अवैध बूचड़खानों को बंद कराने का निर्देश दिया। मेरठ, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी समेत लगभग सभी शहरों में चल रहे अवैध बूचड़खाने रातो रात अधिकारियों ने बंद करा दिए। जिसके बाद मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पत्रकार वार्ता कर कहा कि प्रदेश में 26 अवैध बूचड़खानों को बंद कराया है, लेकिन अधिकारियों के आकड़े कुछ और ही है…

क्या कहता है रियल्टी चेक

Uttrapradesh.org ने अवैध बूचड़खानों को लेकर एक सर्वे किया। जिसमें सूबे के सभी जिलाधिकारियों को फोन कर सच जानने की कोशिश की। जिसमें हमने पाया कि सूबे में मात्र 11 अवैध बूचड़खाना ही बंद किए गए हैं। हालांकि कई जिलाधिकारियों ने हमारा फोन नहीं उठाया।

यहां बंद हुए अवैध बूचड़खानें

योगी सरकार के अवैध बूचड़खानों को बंद करने के फरमान के बाद बांदा में एक, औरैया में दो, मुजफ्फरनगर में एक और मेरठ में सात अवैध बूचड़खानों की बंद करने की जानकारी हमें जिलाधिकारियों से मिलीं।

क्या है सरकार का दावा

उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालते ही अवैध बूचड़खाने पर नकेल कसने वाले योगी आदित्यनाथ ने पहली कैबिनेट बैठक में भी बूचड़खानों को निशाने पर रखा था। कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस ब्रीफिंग में योगी सरकार के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया था कि सरकार के 16 दिन के भीतर यूपी के कुल 26 अवैध बूचड़खानों को बंद किया गया। आपको बता दें कि एक इंटरव्यू में सीएम योगी ने मीट की किल्लत पर बयान देते हुए कहा था कि उन्हें स्वाद से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर लोग शाकाहारी होंगे तो ज्यादा स्वस्थ रहेंगे।

योगी ने किया था वादा
यूपी विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान ही योगी आदित्यनाथ ने बूचड़खानों का मुद्दा उठाया था। योगी ने कहा था यूपी में बीजेपी की सरकार आने के बाद अवैध बूचड़खानों को बंद किया जाएगा। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी बूचड़खाने बंद करने की बात अक्सर कहते रहे हैं। 11 मार्च को चुनाव नतीजे आने के बाद ही योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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