उत्तर प्रदेश में नई सरकार की गठन होते सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्वच्छता की शपथ दिलाई। अधिकारियों को निर्देश दिया कि वो अपने दफ्तर में साफ-सफाई रखें। यहां तक कि एक सरकारी दफ्तर में पान की पीक देखकर सरकारी दफ्तरों में पान-मसाला पर भी रोक लगा दिया, लेकिन अधिकारी सीएम के आदेश का माखौल उड़ा रहे हैं।

गंदगी का अंबार

सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशों का कितना पालन अधिकारी कर रहे हैं। इस का सच जानने के लिए uttarpradesh.org की टीम ने मुख्यमंत्री कार्यालय लोकभवन से महज कुछ ही दूरी पर स्थित डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल का जायजा लिया। जब हमारी टीम अस्पताल के वार्ड में पहुंची तो वार्ड में हर तरफ गंदगी दिखी। मरीज के चादर और बेड के नीचे खाना फैला हुआ था। उसे साफ करने वाला कोई भी अटेंडेंट वहां मौजूद नहीं था।

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हर तरफ दिखा कूड़ा

हमारी टीम ने कई वार्डों का दौरा किया, जिसमें कई जगह कूड़ा दिखा। कई जगह तो डॉक्टरों के लिए बने केबिन के अंदर चाय पीकर ग्लास और नमकीन इत्यादि के पैकेट पड़े मिले।

बाथरुम में भी गंदगी   

वार्ड के बाद हमारी टीम वार्ड में मरीजों के लिए बने बाथरुम के अंदर दाखिल हुई। बाथरुम की हालत इतनी खराब थी हमारी टीम वहां से तुरंत बाहर आ गई। हालांकि बाथरुम की तस्वारें हमने अपने कैमरे में लेली।

खुली मिली पानी की टंकी

वार्ड के बाद हमारी टीम अस्पताल के छत पर पहुंची। वहां देखा की मरीजों और उनके परिजनों के लिए पीने का पानी के लिए लगे टैंक का ढक्कन खुला हुआ था।

हर तरफ दिखी पान की पीक

चाहे अस्पताल की सीढ़ियां हो या फिर अस्पताल के बाहर का हिस्सा, हर जगह पान का पीक देखने को मिली। अस्पताल द्वारा चूनें का छिड़काव तो जरूर करवाया गया था। लेकिन उसका कोई असर नहीं दिख।

क्या बोलें सीएमएस ?

अस्पताल के सीएमएस (मुख्य चिकित्सा अधीक्षक) आशुतोष दुबे का कहना है कि अस्पताल का स्टॉफ द्वारा लगातार साफ-सफाई किया जा रहा है, लेकिन मरीज और उनको देखने आने वाले परिजन अस्पताल में गंदगी फैला रहे हैं।

बहरहाल, कारण चाहे जो भी हो लेकिन अस्पताल में हर तरफ गंदगी फैली हुई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आपके कार्यालय के महज कुछ ही दूरी पर ये अस्पताल है। देखिए अधिकारी आपके आदेशों का कितना पालन कर रहे हैं।

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