केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र द्वारा गोद लिया गया पयासी गांव अब तक देख रहा विकास की राह

  • विकास के लिए तरस रहा पयासी गांव, कलराज मिश्र ने लिया था गोद |
  • केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने जिस पयासी गांव को गोद लिया वह गांव आज भी विकास योजनाओं को लेकर तरस रहा है।
  • 26 नवंबर 2014 को आदर्श ग्राम योजना के तहत कलराज मिश्र ने प्यासी गांव को गोद लिया था।
  • विकास के नाम पर यहां आज तक इंटरलाकिग सड़के, आरओ प्लांट, सौर्य ऊर्जा वाली लाइट लगाई गई है।
  • गांव को गोद लेने पर उठे थे सवाल |
  • आदर्श सांसद ग्राम योजना की गाइड लाइन में कहा गया है कोई भी सांसद अपने या अपनी पत्नी के गांव का चयन इस योजना में नहीं कर सकता।
  • ऐसे में सवाल उठा कि केन्द्रीय मंत्री ने कैसे पयासी गांव का चयन किया,

 

https://www.uttarpradesh.org/rate-your-leader/sansad-adarsh-gram-yojana/kalraj-mishra-sagy-adopted-village-233291/

गांव में बिजली, पानी शिक्षा की सुविधाओं की कमी है
  • इस मुद्दे पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक कहते हैं कि पयासी के चयन में गाइड लाइन की अनदेखी नहीं की गई है।
  • सात पुश्‍त से वहां कलराज मिश्र के परिवार का कोई नहीं रह रहा है।
  • ऐसे में पयासी उनका गांव कैसे हो सकता।
  • गांव की प्राथमिकताएं और जरूरतें
गांव की प्राथमिकताएं ऐसी है जिसपर काफी विकास की जरूरत है
  • पयासी गांव के किनारे गंडक नदी बहती है।
  • वह यहां पश्चिमी-वाहिनी हो गई है, मतलब यहां से उसने अपना मार्ग बदला है, दिशा बदली है।
  • यह नदी बरसात में विकराल रूप धारण कर लेती है |
  • जिसकी वजह से हर साल काफी नुकसान होता है |
  • कटान की वजह से जन-धन दोनों का नुकसान होता है वहीं |
नदी पर पुल न होने के कारण लोगों को नजदीकी बाजार जाने के लिए नांव का सहारा लेना पड़ता है
  • कई सालों से हो रही पुल की मांग |
  • गांव नदी पर पुल बनाने की मांग कई सालों से चली आ रही है।
  • नदी पार मझौली में इंटर कॉलेज भी है, लेकिन इसके लिए छात्र-छात्राओं को नदी नांव से पार करनी होती है।
  • गांव  की अनुसूचित तबके की महिला निर्मला का लाल कार्ड होने के बाबजूद शौचालय नहीं बना है।
  • यहां तक की उनके टोला में लगा सरकारी नल भी कई सालों से दूषित जल निकलता है।
  • गांव की सोमा देवी, सविता, श्रीराम, सहित कई ग्रामीणों का कहना है स्वास्थ्य सेवा के लिए यहां पीएचसी है |
 पीएचसी में तैनात डॉक्‍टर नदारद ही रहते हैं
  • प्राथमिक स्कूल में बच्चें तो हैं, लेकिन गरीब बच्चे स्कूल में होने के बजाए सड़कों पर घूमते नजर आते हैं।
  • डीएम अनीता श्रीवास्तव का कहना है कि गांव में सरकारी योजनाओं को लागू कराने के लिए प्रशासन पूरी तरह से कोशि‍श कर रहा है।
  • गांव में सभी घरों में शौचालय और पक्के मकान का काम जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

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