भले ही पिछले दिनों मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने कई जिलों में (video flood) बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया हो और पीड़ितों को सरकारी मदद देने का ऐलान किया हो। लेकिन बाढ़ से पीड़ित लोगों को सरकारी मदद कतई नहीं मिल रही है। यह हम नहीं बल्कि uttarpradesh.org की टीम के रियलिटी चेक में खुलासा हुआ। हमारी टीम के सामने जब बाढ़ पीड़ितों ने जब दर्द बयां किया तो सुनकर होश उड़ गए।

सहायता में भी भ्रष्टाचार उजागर

  • हमारी टीम ने लखनऊ से करीब 105 किलोमीटर दूर बाराबंकी जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र हेतमापुर का ग्राउंड जीरो से निरीक्षण किया।
  • इस दौरान पीड़ितों ने समस्याओं का अम्बार लगा दिया।
  • हेतमापुर गांव आसपास गोलवाघाट, मोहम्मदपुर, सोहरावां, कोड़री बतनेरा, सरसण्डा, हरक्का, अकौना, पर्वतपुर, कुतलूपुर, लालपुर, सहित करीब एक दर्जन गांव घाघरा नदी के कटाव के कहर से पीड़ित हैं। लेकिन इन गांवों के सैकड़ों पीड़ित परिवारों को सरकारी मदद नहीं मिल रही है।
  • हेतमपुर के रहने वाले जगदीश, दीपक गुप्ता, सरजू देई, शिवचरन, दुखी लाल, सीताराम, ज्ञान मती, सावित्री, विजय लक्ष्मी सहित दर्जनों लोगों ने अधिकारियों पर सरकार से दी जाने वाली मदद में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।

शो-पीस बनकर खड़ी रहती है एम्बुलेंस

  • हेतमपुर गांव से एक किमी दूर घाघरा तटबंध पर बाढ़ प्रभावित गांवों के ग्रामीणों के लिए बाढ़ राहत शिविर लगाए गए हैं।
  • इस बंधे पर घाघरा नदी के किनारे बसे सभी गांव तंबू लगाकर रह रहे हैं।
  • इन ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि हेतमापुर मुख्यमार्ग पर बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद में लगाई गई एम्बुलेंस सिर्फ शो-पीस बनकर खड़ी रहती है।
  • आरोप यह भी है कि ये एम्बुलेंस किसी भी बीमारी में सिर्फ एक ही गोली देती है।
  • अगर कोई कट जाए तो उसके लिए कोई ट्यूब तक नहीं है।
  • ग्रामीणों का आरोप है कि इस एम्बुलेंस में तैनात कर्मचारी कुछ समय के लिए यहां आते हैं और एक दो लोगों को दवाएं देते हुए उसका वीडियो बना लेते हैं और चले जाते हैं।
  • स्वास्थ्य कर्मचारियों के इस रवैये से ग्रामीणों का काफी आक्रोश है।

खाद्य सामग्री में भ्रष्टाचार उजागर

  • वैसे भी सरकारी अधिकारी (video flood) लगातार हर सरकार में भ्रष्टाचार करते आये हैं।
  • इन भ्रष्टाचारियों के समय समय पर भ्रष्टाचार उजागर भी होते रहे हैं और इनपर कार्रवाई भी होती रही है।
  • लेकिन कुछ भ्रष्टाचारी अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं।
  • इन भ्रष्ट अधिकरियों के कारनामें बताते हुए ग्रामीणों ने बताया कि सीएम के दौरे के दौरान एक एक बोरी में कुछ चावल और आटा मिला था।
  • इसके बाद से कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी यहां झांकने तक नहीं आया।
  • ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार की तरफ से हर परिवार में एक दर्जन केला बांटने के लिए कुछ दिन पहले आये थे।
  • लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों ने अभिलेखों में तो एक दर्जन केला देना दर्ज किया लेकिन एक परिवार को एक-एक केला बांटा।
  • इतना ही नहीं बाढ़ पीड़ितों को सीएम के दौरे के दौरान दो-दो पैकेट पूड़ी मिली थी इसके बाद से आज तक नसीब नहीं हुई।

समस्याएं लेकर गए तो पुलिस ने किया लाठीचार्ज

  • यहां के रहने वालों ने बताया कि (video flood) सीएम योगी ने इस क्षेत्र का पिछली 13 अगस्त को दौरा किया था।
  • आरोप है कि प्रशासन ने योगी के आसपास सख्त पहरा लगा रखा था कि कोई समस्या लेकर ना पहुंच जाये।
  • ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों को डर था कि कहीं ग्रामीण उनके कारनामें उजागर ना कर दें।
  • इसलिए जब ग्रामीण अपनी समस्याएं लेकर सीएम के पास जा रहे थे तभी पुलिस ने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज कर दिया।
  • इस दौरान बीच रास्ते में ही ग्रामीण चोटिल हो गए और सीएम से नहीं मिल सके।

पीएसी कर रही मदद

  • ग्रामीणों ने बताया कि यहां पीएसी के जवान 24 घंटे मसीहा बनकर लगे रहते हैं।
  • हेतमापुर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 14 पीएसी के जवान लगे हुए हैं।
  • ग्रामीणों का कहना है पीएसी के जवान हर समय उनकी मदद में लगे रहते हैं।
  • बता दें कि उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में पीएसी की 45 टीमें (प्लाटून) तैनात हैं।
  • पीएसी के जवान राहत और बचाव कार्य 24×7 कर रहे हैं।
  • कुल 120 रबराइज़्ड, 80 एल्यूमीनियम और 15 फाइबर ग्लास मोटराइज़्ड नावों में लगाए गए हैं।

प्रिंसिपल ने बांटी राहत सामग्री

  • हेतामपुर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पीड़ितों की मदद के लिए लकपेड़ा बाग स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेमोरियल इंटर कॉलेज की तरफ से राहत सामग्री बांटी गई।
  • स्कूल के प्रिंसिपल राम किशोर शुक्ला ने लाई, चना और गुड राहत शिविरों में जाकर बंटवाया।
  • इस दौरान युवा कार्यकर्ता विनायक गिरी, हिमांशु मिश्रा सहित कई लोग मौजूद रहे।
  • बता दें कि यूपी के करीब दो दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
  • इनमें 2690 गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं। वहीं 43600 लोग बाढ़ राहत शिविरों में रह रहे हैं।
  • 92000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है।
  • राहत एवं बचाव कार्य में (video flood) पीएसी की 45 टीमें (प्लाटून) और 21 टीमें एनडीआरएफ की तैनात हैं।

https://youtu.be/mVuOjloN94I

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