व्यावसायिक संपत्तियों के बाद अब एलडीए आवासीय संपत्तियों को बेचेगा। इसके लिए आगामी 15 अगस्त तक विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा। ऐसे में जो व्यक्ति एलडीए के मकान, लैट व भूखंड आदि लेने के इच्छुक हैं, वह तैयारी कर लें। पर, दिलचस्प यह है कि अभी तक एलडीए जहां छह हजार आवासीय संपत्ति की बिक्री की बात कह रहा था, वह घटकर 1500 हो गई है। इसकी वजह RERA है। कारण, RERA के तहत अगर एलडीए आवंटन के बाद समय पर मकान न दे सका तो हर्जाना देना पड़ेगा। लिहाजा, जो प्लाट अभी तैयार नहीं हैं, उन्हें हटा दिया गया है।

ये भी पढ़ें :RERA वेबसाइट पर 24 घंटे के भीतर दर्ज हुई 20 हजार शिकायतें!

 देना पड़ जाएगा हर्जाना

  • मिली जानकारी के मुताबिक बिक्री के लिए कुल 1472 आवासीय संपत्ति बेचने का विज्ञापन प्रकाशित होगा।
  • इसमें मानसरोवर योजना के सेक्टर-ओ के आश्लेषा अपार्टमेंट के 178।
  • मघा अपार्टमेंट के 72 भरणी अपार्टमेंट के 60, आद्रा अपार्टमेंट के 46, श्रवण अपाटमेंट के 126।
  • सोपान इन्क्लेव के 125, सृजन अपार्टमेंट के 115, शारदा नगर योजना के 156, सोपान इन्क्लेव के योजना दो के 91।
  • जनेश्वर इन्क्लेव, जानकीपुरम के 512, सरगम अपार्टमेंट के 287, आश्रयहीन विराज खंड के 32 व सनराइज अपार्टमेंट के 48 शामिल हैं।
  • वहीं, बसंतकुज योजना के सेक्टर आई 2306 व समाजवादी लोहिया इन्क्लेव देवपुरा के 2193 आवासीय संपत्ति को अब नहीं बेचा जाएगा।
  • एलडीए के अधिकारियों ने बताया रेरा की नियम व शर्तों के तहत यह निर्णय लिया गया है।
  • क्योंकि बसंतकुज व समाजवादी के लैट आदि निर्मित नहीं हुए हैं।
  • इन्हें बनने में अभी कितना समय लगेगा, कहा नहीं जा सकता।
  • इसलिए इसकी बिक्री नहीं की जाएगी।
  • अन्यथा, हम एक समय सीमा में लैट देने के लिए बाध्य हो जाएंगे।
  • अगर वह संभव न हुआ तो हर्जाना देना पड़ जाएगा।

ये भी पढ़ें :सियासत की सबसे बडी सर्जिकल स्ट्राईक

RERA पर कार्यशाला आज

  • लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से शुक्रवार को गोमती नगर के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
  • इसमें एलडीए के अधिकारियों को विशेषज्ञों द्वारा RERA की बारीकियों के बारे में बताया जाएगा।
  • इस दौरान उन्होंने यह समझाया जाएगा कि किस स्थिति में उन्हें यहां करना है।
  • गौरतलब हो, रियल इस्टेट रेग्युलेशन एक्ट यानि RERA एक नियामक संस्था है।
  • इसके प्रति प्रापर्टी से जुड़ेे बिल्डर्स व प्राधिकरण आदि उत्तरदायी हैं।

ये भी पढ़ें : आजाद देश की जनता गुलाम क्यों?

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें