बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए प्रदेश का एक रिटायर्ड दरोगा दर दर की ठोंकरे खा रहा है. खुद पुलिस महकमा भी उसका साथ नहीं दे रहा. बता दे कि रिटायर्ड दरोगा की बेटी के ससुराल वाले उसे परेशान कर रहे है, जिसे लेकर दरोगा कई बार शिकायत करवा चुके है.

दरोगा की बेटी पर दहेज़ के लालचियों का अत्याचार:

उत्तर प्रदेश पुलिस का एक रिटायर्ड दरोगा इन दिनों अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। रिटायर्ड दरोगा की मजबूरी का आलम यह है कि अपना दर्द बयां करते-करते उसकी आंखें डबडबा जाती हैं।
Retired sub Inspector daughter dowry case want justice
दरअसल इस रिटायर्ड दरोगा ने अपनी बेटी की शादी बहुत धूम-धाम से की थी अपनी बेटी को हर वो चीज दी जिससे इसके ससुराल वाले कभी कोई शिकायत न कर सकें। लेकिन उन्हें क्या पता था कि ये जिस घर में अपनी बेटी को धूमधाम से भेज रहे है, वहां इंसान नहीं बल्कि दरिंदे रहते हैं। जो उनकी बेटी के साथ वेह्शीपन की सारी हदें पार कर देंगे। अब ये बदकिस्मत पिता अपनी उसी बेटी को उसका हक दिलाने के लिए अकेले लड़ रहा है।
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 क्या है मामला:

दरअसल ये पूरा मामला बाराबंकी जिले की नगर कोतवाली के अंतर्गत रफीनगर मोहल्ला का है। जहां एक रियायर्ड दरोगा ने अपनी बेटी की शादी पूरे अरमानों के साथ की थी। लेकिन इन्हें क्या पता था कि शादी करके वह अपनी बेटी को खुशियां नहीं बल्कि दुखों के दलदल में ढकेल रहे हैं।
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आलम यह है कि बेटी अब अपने पति और ससुराल के सारे सितम सहने के बाद वापस पिता के घर में रह रही है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि लड़की के ससुराल वालों ने इसपर इस कदर जुल्म ढहाया कि इसके तीन महीने के बच्चे की पेट में ही मौत हो गई। इस लड़की के पिता आज अपनी सारी दौलत लुटाकर भी अपनी बेटी के लिए खुशियां नहीं ला सके।

पीड़िता ने बताया अपना दर्द:

पीड़ित लड़की ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि मेरी शादी 14 नवंबर 2016 को हुई थी। शादी के बाद से ही मेरे ससुराल वाले दहेज के लिए मुझे बेइंतहा परेशान करते थे। ससुराल वारे मुझे मारते-पीटते थे और कहते थे कि अपने पापा से कहो कि वह 20 लाख रुपए और दें। ससुराल वाले कहते थे कि तुम्हारे पापा की दो ही लड़कियां हैं और कोई लड़का नहीं है इसलिए उनसे बोलो की रुपए का इंतजाम करें। जब मैं अपने घर आकर पापा से ये सारी बातें बताती थी तो पापा ने मेरे नाम से 6 लाख रुपए की एफडी कराई और मेरे पति को उसमें नामनी कराया।
लड़की ने बताया कि इसके बाद भी मेरे ससुराल वालों की दहेज की भूख शांत नहीं हुई और वह लोग कहते थे कि अभी तो तुम्हारे पापा ने सिर्फ 6 लाख रुपए ही दिए हैं, उनसे बोलो कि बाकी पैसे भी दें। ससुराल में सभी लोग मुझे बहुत परेशान करते और बराबर मारते पीटते थे।

खुद का पुलिस विभाग भी नहीं दे रहा साथ: 

इस मामले में क्या प्रधानमंत्री और क्या मुख्यमंत्री शायद ही कोई जगह बची हो जहां इस रिटायर्ड दरोगा ने अपनी फरियाद न लगाई हो. अपनी बिटिया को इंसाफ दिलाने के लिए ये पिता जब भी किसी अधिकारी के पास जाता है तो इसे आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिलता।
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आपको जानकर हैरानी होगी कि इस पिता को इंसाफ इसलिए नहीं मिल रहा क्योंकि इसने एक गुनाह किया है।
गुनाह..अपनी बेटी की धूमधाम से शादी करने का, गुनाह..बेटी की खुशियों के लिए अपनी सारी दोलत लुटाने का, गुनाह..बेटी के ससुराल वालों की हर फरमाइश पूरी करने का, गुनाह…बेटी पर हो रहे जुल्मों को चुपचाप सहने का, गुनाह दामाद को बेटा मानने का, गुनाह बेटी की जिंदगी में सबकुछ ठीक होने की आस लगाने का।
जी हां हम इसे गुनाह इसलिए कह रहे हैं क्योंकि शायद ये उस मजबूर पिता के गुनाह ही हैं जिसकी सजा वह आज भुगत रहा है। और तो और उसी के विभाग वाले उसकी कोई मदद करने के लिए आगे नहीं आ रहे।
कभी वर्दी पहनकर शान से चलने वाला दरोगा आज पिता के रूप में इतना मजबूर हो गया कि दो लाइन बिना आंसू बहाए नहीं बोल सकता।

रिटायर्ड दरोगा सैय्यद नईम अहमद कर्रार का बयान:

वहीं लड़की के पिता और यूपी पुलिस के रिटायर्ड दरोगा सैय्यद नईम अहमद कर्रार ने बताया कि हमने अपनी लड़की की शादी 14 नवंबर 2016 को फुरकान मकसूद किदवाई पुत्र रिजवान महफूज किदवाई से की थी। शादी में कार, एसी, फ्रिज, टीवी, वाशिंग मशीन समेत तमाम चीजों के 7 साख रुपए नकद और लगभग 30 लाख रुपए हमने दहेज में खर्च किया।

इतना सब करने के बाद भी लड़की के ससुरालवालों की दहेज की भूख शांत नहीं हुई और वह लगातार और पैसों की मांग करते रहे।

लड़की के पिता ने बताया कि वह खुद पुलिस महकमे से रिटायर हुए हैं लेकिन फिर भी पुलिस की तरफ से मेरी कोई मदद नहीं हो रही। लड़की के पिता ने कामरान अल्वी नाम के एक दबंग शख्स पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसकी वजह से ही पुलिस वाले दबाव में हैं और लड़की के ससुराल वालों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहे।

पिछले दिनों कामरान अल्वी ने मुझे और मेरी लड़की को रोका और कहा कि जितनी भी ताकत लगा सकते हो लगा लो। अपना मुकदमा वापस ले लो इसी में तुम लोगों की भलाई है। नहीं तो तुम लोग जिंदा नहीं बचोगे।

लड़की के पिता ने बताया कि हमने प्रधानमंत्री कार्यालय, मुख्यमंत्री कार्यालय, राज्यपाल के पास, डीजीपी के पास, महिला आयोग, एसपी के पास, सीओ सिटी समेत सभी जगह अपनी शिकायत दर्ज कराकर इंसाफ की गुहार लगाई है लेकिन लगभग तीन महीने गुुजरने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

दरोगा ने बताया कि 22 फरवरी 2018 को FIR दर्ज हुई थी लेकिन लगभग तीन महीने बीतने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नही हो सकी है।

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