UP Budget:-विद्युत वितरण क्षेत्र की कुशलता एवं क्षमता वृद्धि हेतु केन्द्र सरकार की सहायता से रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम प्रारम्भ की

 

– वर्तमान में जिला मुख्यालय पर 24 घण्टे तहसील मुख्यालय पर 20 से 22 घण्टे और गांवों को 18 से 20 घण्टे बिजली दिये जाने का रोस्टर निर्धारित है।

– 01 अप्रैल, 2017 से पूर्व ग्रामीण क्षेत्र में 14ः38 घण्टे, तहसील क्षेत्र में 16ः58 घण्टे तथा शहरी क्षेत्र में 21ः08 घण्टे आपूर्ति के सापेक्ष वर्ष 2022-23 में माह अप्रैल, 2022 से अक्टूबर, 2022 तक औसतन ग्रामीण क्षेत्र में 17ः26 घण्टे, तहसील क्षेत्र में 20ः52 घण्टे तथा शहरी क्षेत्र में 23ः26 घण्टे आपूर्ति की गई।

– वर्ष 2017-18 से कुल 1,21,324 मजरे विद्युतीकृत किये जा चुके हैं।

– प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) के तहत गरीब परिवारों को निःशुल्क और अन्य ग्रामीण परिवारों को 50 रूपये की 10 मासिक किश्तों में बिजली कनेक्शन देने की सुविधा दी गयी । इस योजना में 62.18 लाख इच्छुक घरों को विद्युत संयोजन निर्गत किए गए।

– कृषि कार्योें हेतु समुचित रूप से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए 11 के0वी0 कृषि एवं गैर कृषि ग्रामीण फीडरों के पृथकीकरण योजना के अन्तर्गत लक्षित 2227 नग फीडरों का पृथकीकरण पूर्ण कर लिया गया है।

– प्रदेश में स्थापित होने वाली तापीय उत्पादन परियोजनाओं यथा घाटमपुर, ओबरा ‘सी‘ व जवाहरपुर से ऊर्जा निकासी हेतु लगभग 7076.37 करोड़ रूपये की पारेषण परियोजनाओं का निर्माण पी0पी0पी0 पद्धति से कराया जा रहा है । इनमें से लगभग 4081.23 करोड़ रूपये की परियोजनायें पूर्ण कर ली गयी है तथा शेष निर्माणाधीन हैं।

– वर्ष 2019-2020 में औसतन उत्पादन उपलब्धता 3766 मेगावाट प्रतिदिन, वर्ष 2020-2021 में औसत उत्पादन उपलब्धता 3816 मेगावाट प्रतिदिन तथा वर्ष 2021-2022 में औसतन उत्पादन उपलब्धता 3998 मेगावाट प्रतिदिन रही।

– पारेषण तंत्र की क्षमता जो कि वित्तीय वर्ष 2016-2017 में 16,348 मेगावाट थी, को वर्ष 2021-2022 में 28,000 मेगावाॅट तक किया गया, जिसे वित्तीय वर्ष 2022-2023 तक बढ़ाकर 30,806 मेगावाॅट तक किया जाना लक्षित है।
वित्तीय वर्ष 2022-2023 में निजी नलकूप उपभोक्ताओं के विद्युत बिलों में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गयी थी जिसे लोक कल्याण संकल्प पत्र में की गयी घोषणा के अनुरूप वित्तीय वर्ष 2023-2024 में बढ़ाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है जिसके लिए 1500 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

– बुन्देलखण्ड में स्थापित की जाने वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं से विद्युत निकासी के लिये केन्द्र सरकार तथा जर्मनी की संस्था ज्ञॅि की सहायता से ग्रीन इनर्जी काॅरीडोर.प्प् परियोजना के अन्तर्गत पारेषण तंत्र के निर्माण हेतु 1554 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है । इस परियोजना को 03 वर्षों में पूर्ण किया जाना लक्षित है ।

– विद्युत वितरण क्षेत्र की कुशलता एवं क्षमता वृद्धि हेतु केन्द्र सरकार की सहायता से रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम प्रारम्भ की गयी है जिसके लिए 6500 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है ।

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