जल्द ही होगी प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (पीएलआई) योजनाओं की समीक्षा ।

नई दिल्ली

कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के नेतृत्व में अधिकार प्राप्त समूह उत्पादन से जुडी प्रोत्साहन योजनाओं (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम) योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए अगले पूरे हफ्ते बैठकें होगी । इन बैठकों में पिछले एक साल में औषधि, इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों के लिए मंजूर एवं अधिसूचित की गई पीएलआई योजनाओं में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी ।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अधिकारी बारीकी से देखेंगे कि पीएलआई योजनाओं के अमल में आने के बाद हम कहां तक पहुंचे हैं। इस पर भी चर्चा होगी कि उन क्षेत्रों के लिए घोषित योजनाओं में कितने आवेदन आए हैं, और आगे के दिशानिर्देश जारी किए गए हैं या नहीं, मंत्रिमंडल की मंजूरी मिली है या नहीं और अभी क्या करने की जरूरत है ।’

प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम (PLI) योजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय मैन्युफैक्चरिंग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना, नौकरियों को बढ़ाना और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देना भी है। केंद्रीय बजट 2020-21 में वित्त मंत्रालय 13 प्रमुख क्षेत्रों की पीएलआई योजनाओं के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा कर चुका था। इनमें प्रौद्योगिकी, वस्त्र, वाहन, फार्मास्युटिकल औषधि क्षेत्र भी शामिल थे । इनमें से तीन योजनाओं को अधिसूचित किया जा चुका है और सात अन्य के लिए मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल चुकी है ।

इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरर समेत कई कंपनियों ने सरकार से महामारी के कारण रुकावट पडऩे के बाद सरकार से उत्पादन लक्ष्य में राहत देने का अनुरोध किया है। उन्होंने आधार वर्ष में बदलाव करने की भी मांग की है जो फिलहाल 2019-20 है। समीक्षा बैठक में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को फायदा पहुंचाने के लिए पीएलआई योजना को विभिन्न क्षेत्रों तक बढ़ाने पर भी चर्चा हो सकती है। मगर ऊपर जानकारी देने वाले अधिकारी ने कहा कि फिलहाल निमय और शर्तों में ढील देने पर चर्चा की योजना नहीं है ।

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