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अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय/जनसम्पर्क अधिकारी पुलिस महानिदेशक उप्र राहुल श्रीवास्तव को पुलिस सप्ताह के दौरान वीरता पुरस्कार से इसलिए सम्मानित किया गया कि उन्होंने पुलिस टीम के साथ वीरता दिखाते हुए बदमाशों का एक किलोमीटर तक पीछा करके एक घण्टे की मुठभेड़ के दौरान बदमाश को मार गिराया था। इस दौरान पुलिस का एक जवान बदमाशों के बम से हमला करने के कारण मौके पर ही शहीद हो गया था।

 

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वकील के भेष में थे असलाहधारी बदमाश

  • रेड एफएम के आरजे टुच्चा तुषार ने जब डीजीपी के पीआरओ राहुल श्रीवास्तव से खास बातचीत की तो उन्होंने घटना का जिक्र करते हुए बताया कि मामला सितंबर 2006 का है।
  • इलाहबाद जिले के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में चौराहे पर पुलिस टीम संदिग्ध लोगों की चेकिंग कर रही थी।
  • तभी तीन असलाहधारी बदमाश वकील के भेष में उधर से गुजर रहे थे।
  • पुलिस देख वह भागने लगे तो पुलिस ने उन्हें दौड़ा लिया।
  • इस दौरान बदमाशों ने पुलिस पर बम से हमला कर दिया इस दौरान एक बहादुर दीवान अशोक पांडेय मौके पर ही शहीद हो गए थे।
  • लेकिन राहुल ने साहस का परिचय देते हुए बदमाशों को एक किलोमीटर तक पीछा करते हुए एक घण्टे की मुठभेड़ के दौरान एक बदमाश को ढ़ेर कर दिया था।
  • हलाकि दो बदमाश भाग गए थे इसमें से एक फिर इसी थानाक्षेत्र में दबोचा गया था।
  • वहीं सरगना को भी पुलिस ने ढ़ेर कर दिया था।
  • इसीलिए इस जांबाज अधिकारी को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  • सम्मान पाने वाले सभी पुलिसकर्मियों को ऐसी ही वीरता के लिए पुरस्कृत किया गया है।

इनको मिला वीरता के लिये पुलिस पदक

  • राज्यपाल ने राहुल श्रीवास्तव अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय/जनसम्पर्क अधिकारी पुलिस महानिदेशक उप्र, विजय सिंह मीना, पुलिस महानिरीक्षक बरेली जोन, जोगेन्द्र कुमार।
  • वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, बिन्द कुमार, निरीक्षक नापु गाजीपुर, शशिभूषण राय, निरीक्षक नापु जौनपुर, अशोक कुमार सिंह, हेकां सपु वाणिज्यकर विभाग गोरखपुर।
  • वशिष्ठ सिंह यादव सेवानिवृत्त निरीक्षक नि 66/2 स्टेनली रोड थाना कर्नलगंज इलाहाबाद व एसकेएस प्रताप पुलिस उपाधीक्षक मुजफ्फरनगर को अपराधों की रोकथाम एवं अपराधियों की गिरफ्तारी में अदम्य साहस एवं शौर्य का प्रदर्शन करने के लिये राष्ट्रपति का ‘वीरता के लिये पुलिस पदक’ दिया।

इनको मिला ‘राष्ट्रपति का पुलिस पदक’

  • राज्यपाल ने विजय कुमार मौर्या, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशिक्षण उप्र, संजय सिंघल, पुलिस महानिदेशक के सहायक, उप्र, विनोद कुमार यादव।
  • सेवानिवृत्त पुलिस उपाधीक्षक नि 29ए दाउदपुर काली मन्दिर के पीछे थाना कैण्ट गोरखपुर एवं हरिओम शर्मा एसआईएम आगरा परिक्षेत्र को दीर्घ एवं उत्कृष्ट सेवा करने हेतु विशिष्ट सेवाओं के लिये ‘विशिष्ट सेवाओं के लिये राष्ट्रपति का पुलिस पदक’ से अलंकृत किया।

क्या है पुलिस सप्ताह

  • उत्तर प्रदेश पुलिस की अनोखी प्रथा ‘पुलिस सप्ताह’ की शुरूआत 1912 में हुई।
  • शुरू में यह केवल ब्रिटिश अधिकारियों के लिये ही होती थी।
  • इसकी शुरूआत वार्षिक रैतिक पुलिस परेड से होती थी और यह प्रदेश के सभी रैंक के पुलिसजनों के लिये एक ऐसा मंच होता था जिस पर वे विभाग की बेहतरी के लिये योजनाएं बना सकते थे एवं उन पर विचार-विमर्श कर सकते थे।
  • सन् 1912 से 1948 तक यह पुलिस सप्ताह मुरादाबाद में मनाया जाता रहा।
  • सन् 1949 से यह समारोह लखनऊ में मनाया जाता है।
  • वर्तमान स्वरूप में इस परम्परा की शुरूआत सन 1952 में हुई थी जब भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उप्र पुलिस एवं पीएसी को निशान पताकायें प्रदान कीं थीं।

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