राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश कार्यालय पर (bjp Government) रालोद नेताओं की एक संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता आयोजित हुयी। जिसमें प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री डाॅ. मसूद अहमद, पूर्व मंत्री साहब सिंह, राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व विधायक शिवकरन सिंह, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक डाॅ. अनिल चौधरी मौजूद रहे।

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पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूर्व मंत्री साहब सिंह तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष डाॅ. अनिल चौधरी ने कहा कि हमारे देश की सरकार ने 3 वर्ष पूर्व लोकसभा चुनाव के समय किसान हितैशी होने का भरपूर नाटक करते हुये देश के किसानों को ऐसे सपने दिखाये जो विचित्रता से भरे हुये थे परन्तु निश्छल हृदय के किसानों ने देश के तत्कालीन घोषित प्रधानमंत्री पर विश्वास किया और भरपूर बहुमत की केन्द्र सरकार बनाई। परन्तु किसानों के हिस्से में बुरे दिनों के अतिरिक्त कुछ नहीं आया।

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नरेन्द्र मोदी ने किसानों की आय डेढ़ गुनी करने का वादा किया था। परन्तु उस सन्दर्भ में 3 वर्षो में कोई पहल होती हुई नजर नहीं आई। अब तक किसी भी फसल का उचित मूल्य तक दिलाने में केन्द्र सरकार विफल रही। समय समय पर उसे खाद और बीज के लिए दर दर भटकना पड़ा। हां विदेशों के किसानोेें के प्रति सरकार का रूख अवश्य नरमी का देखा गया। क्योंकि गेंहूं का आयात शुल्क माफ करना तथा दाल और चीनी का आयात करना और अपने देश के किसानों की अनदेखी करना इसका प्रमाण है।

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रालोद नेताओं ने कहा कि आज किसानों की आवाज को दबाने की कोशिश हो रही है। जब किसान अपनी फसलों के उचित मूल्य की बात करता है अथवा सरकार द्वारा किये गये वायदे के अनुसार कर्जमाफी की आवाज उठाता है। तो लाठी और गोली का सहारा लेकर किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। कल मध्य प्रदेश के मंदसौर मेें पुलिस द्वारा गोलियां चलवाकर 6 किसानों की हत्या की गई है जो भाजपा सरकार का असली मुखौटा है।

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नेताओं ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री तथा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा अन्य भाजपा नेताओं ने प्रदेश के किसानों की सरकार बनते ही पहली कैबिनेट मीटिंग में सभी तरह का पूरा कर्जा माफ करने, किसानों के गन्ने का भुगतान 14 दिन में दिलाकर किसानों के अच्छे दिन लाने का वायदा किया था।

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प्रदेष में भाजपा की सरकार बने तीन माह पूरे होने जा रहे हैं अभी तक न तो किसान का एक रूपये का कर्ज माफ हुआ है और न ही किसानों के गन्ने का भुगतान ही हो पाया है। प्रशासन द्वारा कर्जा उगाही के लिए किसानों का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। प्रदेश सरकार आंखे बन्द करके बैठी है।

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ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय लोकदल किसानों का उत्पीड़न व अनदेखी बर्दास्त नहीं कर सकता। इसलिए राष्ट्रीय लोकदल ने फैसला किया है कि 19 जून को (bjp Government) प्रदेश सरकार के तीन माह का कार्यकाल पूर्ण होने के दिन प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना प्रदर्शन करके किसानों की समस्याओं के निराकरण हेतु देश के राष्ट्रपति को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारियों के माध्यम से भेजा जायेगा।

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