लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह ने कैराना और नूरपुर उपचुनावों में किसानों की दुर्दशा, युवाओं की बेरोजगारी, मजदूरों की मजबूरी और मजलूमों की बेबसी को ध्यान में रखकर इन चुनाव क्षेत्रों की जनता से मतदान करने की अपील की. कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उसके स्टार प्रचारक अपनी कारगुजारियों से चुनाव को हिन्दू-मुस्लिम बनाने की साजिशों में लग गये हैं. लेकिन उनके मंसूबे कामयाब नहीं होगे. क्योंकि विकास के नाम पर दोनों ही क्षेत्रों में शून्य देखने को मिलता है और जनता स्वयं में इन्हें वोट देकर पश्चाताप की आग में जल रही है.

प्रदेश की गंगा-जमुनी तहज़ीब को तार-तार करने वाली भाजपा

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनाव में सामाजिक समरसता बनाये रखने के लिए बिजनौर और मुजफ्फरनगर तथा सहारनपुर के प्रशासन से मांग की है. कि संगीत सोम और सुरेश राणा जैसे लोगो को चुनाव क्षेत्रों में जाने से रोका जाय. क्योंकि वर्ष 2013 में मुजफ्फरनगर का दंगा होने में ये नाम हीरो के रूप में जाने जाते हैं. धीरे धीरे करके लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह अपने अथक प्रयासों से पुनः हिन्दू-मुस्लिम एकता कायम करने में अपनी मिसाल कायम की है. प्रदेश की गंगा जमुनी तहज़ीब को तार-तार करने वाली भाजपा और उसके सिपहसालारों से कैराना और नूरपुर को दूर रखने की आवश्यकता है.

बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं बुंदेलखंड वासी

इन क्षेत्रों की जनता ने निश्चित कर लिया है कि वर्तमान किसान विरोधी केन्द्र और प्रदेश सरकारों के विरोध में मतदान करेगा. और किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह के सपनों का भारत बनाने में यह चुनाव मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड में सभी सांसद भारतीय जनता पार्टी के होते हुये भी विगत 4 वर्षो में जल संसाधन की व्यवस्था नहीं हो सकी. वहां की जनता बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रही है. केन्द्र में सरकार बनते ही केन्द्रीय कैबिनेट में तय हुआ था. कि प्रतिवर्ष सांसद अपने क्षेत्र के एक गांव को गोद लेकर उसे विकसित करेंगे. परन्तु चार वर्ष बीत जाने के बाद भी बुन्देलखण्ड का एक भी गांव विकसित नहीं हो सका जहां पर सभी सुख सुविधाएं उपलब्ध हों.

नेपाल के बिना हमारे धाम भी अधूरे और राम भी

देश की परम पवित्र नदी गंगा को निर्मल करने का बीडा केन्द्र सरकार ने उठाया था. देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बनारस से ही सांसद हैं. परन्तु गंगा मैया की लगभग वैसी ही दशा है जैसी चार वर्ष पहले थी. मोदी ने अपने प्रथम भाषण में कहा था कि गंगा मां ने बुलाया है. परन्तु यह भावना भी कोरी चुनावी स्टंट की तरह ही रही. आज नेपाल में मोदी बोल रहे हैं कि नेपाल के बिना हमारे धाम भी अधूरे और राम भी. यह कहना कितना हास्यास्पद है कि जबकि बनारस का काशी विश्वनाथ धाम महान ज्योर्तिलिंगों में से एक है और राम कण-कण में व्याप्त हैं. इसलिए अधूरे कहने पर उन्हें हृदय में ग्लानि महसूस करके माफी मांगनी चाहिए.

धर्म का सहारा एवं झूठ की नाव पर सवार होकर 2014 की वैतरणी मोदी ने अवश्य पार कर ली. परन्तु आज की परिस्थतियों में देश की जनता ने उनके हर झूठ को पहचान लिया है. और उन्हें भी 2019 के चुनाव में जनता झूठे आश्वासन देकर सत्ता से बिदा कर देगी.

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