ग़ाज़ीपुर के ताड़ीघाट बारा मार्ग को लेकर एक बार फिर ग़ाज़ीपुर की सियासत गरमा गई है। 228 करोड़ की लागत से 3 साल पहले यह सड़क स्वीकृत हुई थी। नोएडा की कंपनी धर्मराज कंस्ट्रक्शन को इस सड़क का टेंडर दिया गया है लेकिन कमीशन बाजी के चक्कर में यह सड़क घटिया तरीके से बनाई जा रही थी।
सड़क के घटिया निर्माण को लेकर मीडिया ने प्रमुखता से उठाया था। जिसके बाद टीबी रोड को बेहतर बनाने के लिए लागत को 234 करोड़ कर दिया गया। लेकिन अभी भी इस सड़क का निर्माण काफी धीमी गति से चल रहा है। निर्माणाधीन इस सड़क पर अभी भी जरूरत से ज्यादा सड़कों में गड्ढा है। लोग जान जोखिम में डालकर लोग इस सड़क पर सफर करते है। 

एशिया के सबसे बड़े गाँव तक ले जाती है यह सड़क:

गाजीपुर में ताड़ी घाट से बारा गांव तक बनने वाली ये सड़क ग़ाज़ीपुर से बिहार राज्य को जोड़ती है। इस सड़क की दूरी तकरीबन 38 किलोमीटर है और इसी रोड पर एशिया का सबसे बड़ा गांव व सैनिको के गांव से मशहूर गहमर स्थित है। लेकिन सड़क का निर्माण धीमी गति से होने के कारण इस मार्ग पर रोजाना कई किलोमीटर लंबा जाम लग जाता है। लोगों को आने जाने में दुश्वारियों का सामना करना पड़ रहा है।

सड़क निर्माण को ले कर सपा भाजपा में तनातनी:

इसके निर्माण को लेकर यहां के लोग धरना प्रदर्शन और आंदोलन भी कर चुके हैं। घटिया सड़क निर्माण पर अब सपा और भाजपा के बीच में रार मची हुई है। टीवी मार्ग के निर्माण को लेकर जब पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने साफ लहजे में कहा कि, “भाजपा सरकार इस मार्ग को लेकर तनिक भी गंभीर नहीं है। इस सड़क को हमने 3 साल पहले स्वीकृत कराया था। लेकिन अभी यह सड़क 20 किलोमीटर भी नहीं बन सकी है। बीजेपी सरकार केवल झूठ बोलने की सरकार है।”
वहीं भाजपा की जमनियां विधायक सुनीता सिंह का कहना है कि, “बड़ा प्रोजेक्ट है इस सड़क के निर्माण के लिए हमलोगों ने भी 10 साल झेला है । आनन फानन में पिछली सरकार द्वारा सड़क बनाने की स्वीकृति दे दी गई । इस सड़क पर केवल झाड़ू मारने का कार्य किया गया और पिछली सरकार द्वारा एक भी पैसा नहीं मिला था। हमारी सरकार आने के बाद इस सड़क के लिए पैसा आया। काम शुरू है लेकिन बरसात के कारण सड़क के निर्माण की रफ्तार धीमी है। हमने ठेकेदार को अक्टूबर माह तक पूर्ण कराने की बात कही थी लेकिन बड़ा प्रोजेक्ट होने के कारण अतिरिक्त 4 माह का समय मांगा जा रहा है जो मार्च तक इस सड़क का काम पूरा हो जाएगा।”
वही उन्होंने धीमीगति से काम के बाबत कहा कि 4 माह अतिरिक्त समय मांगा जा रहा तो समय दे देना चाहिए। 

राहगीरों को होती है बहुत तकलीफ:

वही टीवी रोड पर चलने वाले राहगीरों ने कहा कि सरकार बदलती गई सड़क जस की तस है आने जाने में काफी दिक्कत होती है।  इस मामले में जब जिलाधिकारी के बालाजी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस सड़क की निगरानी वह खुद कर रहे हैं । बारिश के कारण थोड़ी कार्य की गति में कमी आई है। बारिश बंद होने के बाद कार्य करने की गति को और तेज कराया जाएगा।

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