लखनऊ. पीएम नरेन्द्र मोदी के 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के फैसले से जाली नोट की तस्करी और उससे होने वाली आतंकी फंडिंग का बड़ा नेटवर्क टूटेगा। यूपी जाली नोटों की तस्करी और आतंकियों का सबसे बड़ा ट्रांजिट प्वाइंट है। तीन रास्तों से यूपी के जरिए पूरे देश में जाली नोटों की सप्लाई होती है। ऐसे में इस झटके ने तस्करों के माथे पर पसीने ला दिए हैं। अब यह तस्कर आतंकवाद को बढ़ावा भी नहीं दे पाएंगे।
नेपाल और बांग्लादेश के रास्ते होती है तस्करी
- यूपी एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हाल के कुछ सालों में यूपी जाली नोटों की तस्करी का सबसे बड़ा सेंटर बनकर उभरा है।
- यहां वैसे तो नेपाल और बांग्लादेश से सटे सिलीगुड़ी के रास्ते जाली नोटों की खेप आती है जो यूपी के जरिए पूरे देश में सप्लाई होती है।
- अब थाईलैंड व चाइना के रास्ते भी यूपी में जाली नोटों की खेप आनी शुरू हुई है।
- हाल ही में एक कंटेनर में शिपिंग के जरिए चाइना से जाली नोटों की खेप सप्लाई हुई।
रद्दी हो जायेंगे नोट
- 500 व 1000 के नोट बंद होने के बाद बीते कुछ महीनों में सप्लाई हुई जाली करंसी रद्दी हो जाएगी।
- क्योंकि बुधवार से इन नोटों को लेने वाला कोई नहीं है।
- नई करंसी आने के बाद उसके जाली नोट तैयार करने और उन्हें बाजार में लाने में कम से कम एक साल लगेगा।
- एक अफसर का कहना है कि जाली नोटों के जरिए ही आतंक को फंडिंग हो रही थी।
- जाली नोटों की तस्करी बंद होने से आतंकवाद पर भी लगाम कसेगी। लोग नोट लिए इधर-उधर भटक रहे हैं।
यह हैं कुछ आकंड़े
- 300 करोड़ से अधिक की नकदी लोकसभा चुनाव में जब्त हुई।
- 30 हजार करोड़ रुपये पिछले लोकसभा चुनाव में खर्च होने का अनुमान
75 हजार करोड़ रुपये इस दौरान ब्लैक मनी लगी। - पिछले पांच सालों में चुनावों में 1.5 लाख करोड़ खर्च हुए।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.