समाज कल्याण विभाग द्वारा एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर को दी गयी सूचना से यह सामने आया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिना किसी प्रक्रिया या विभागीय संस्तुति के विभाग से सीधे पत्रावली मंगवा कर पूर्व आईपीएस अधिकारी बृज लाल को उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया था।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]बृज लाल को दिया जाना है राज्यमंत्री का दर्जा [/penci_blockquote]
आरटीआई सूचना के अनुसार, समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव मनोज सिंह को अनुसूचित जाति आयोग की नियुक्ति की स्थिति बताने का आदेश मिला जिसपर उन्होंने 17 अप्रैल 2018 को पत्रावली प्रस्तुत किया। इस पत्रावली पर बिना किसी विभागीय संस्तुति के मुख्यमंत्री ने 17 अप्रैल को ही बृज लाल को अध्यक्ष नामित करने के आदेश दे दिए। पुनः विभाग को ऊपर से आदेश मिला कि बृज लाल को राज्यमंत्री का दर्जा दिया जाना है, जिसपर 20 अप्रैल 2018 को बिना विभागीय मंत्री की संस्तुति के पत्रावली मुख्यमंत्री को भेजी गयी जिसपर मुख्यमंत्री ने उसी दिन राज्यमंत्री का दर्जा देने के आदेश कर दिए। नूतन के अनुसार इससे शासन के निर्णयों में उच्चस्तरीय दवाब की बात स्वतः ही सामने आ जाती है।

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