मेरठ नगर निगम सदन में सोमवार को बोर्ड बैठक के दौरान उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया। जब भाजपा और बसपा के पार्षद आपस में भिड़ गये। हंगामें की खबर सुनकर घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने दोनों पार्षदों को समझाते हुए दिखायी दी।

वंदेमातरम फिल्म वर्जन बजने पर हंगामा

घटना प्रदेश के मेरठ जिले का है। जहां निगम की पहली बोर्ड की बैठक आज होनी थी। बैठक के दौरान वंदे मातरम के मुदे को लेकर दो पार्षद आपस में भिड़ गये। इस दौरान पार्षदों ने नगर निगम में ही खूब हंगामा काटा। दरअसल टेंस्टिंग के बावजूद बैठक में वंदे मातरम के फिल्म वर्जन बजने पर ही हंगामा करते दिखायी दे रहे है। वहीं सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनो पार्षदों को समाझाती बुझाती रही लेकिन दोनों पार्षद एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करते हुए दिखायी दिये। लेकिन पुलिस ने कड़ी मशक्कत  के बाद पार्षदो को समझाने की कोशिश की।

यहां आपको ये भी बता दें कि सत्ता परिवर्तन के बाद से बीजेपी नेताओं में सत्ता का नशा इस कदर सवार है कि पार्टी के नेता हर तरफ विरोध करते ही दिखायी देते है। हर किसी बात को लेकर बखेड़ा खड़ा कर देते है। ताजा मामला मेरठ के हंगामें से लगाया जा सकता है। घटना कोई बड़ी नहीं थी लेकिन वंदेमातरम गीत को लेकर इन पार्षदों ने हंगामा काटा।

दरअसल ये कोई पहला मामला नहीं है जब इन पार्षदों ने हंगामा किया हो। इससे पहले भी नगर निगम बोर्ड की बैठक में वंदे मातरम गायन शुरू होने से पहले ही विपक्षी पार्षदों द्वारा सदन छोड़ने पर विवाद हो गया था। विपक्षी पार्षद जब वंदे मातरम खत्म होने के बाद लौटे तो ये प्रस्ताव पास कर दिया गया था। पार्षद वंदे मातरम के दौरान सदन में मौजूद नहीं रहेगा उसे बोर्ड बैठक में स्थान नहीं दिया जाएगा। ऐसे पार्षदों की सदस्यता भी समाप्त की जा सकती है। इसको लेकर हुए हंगामे के बीच भाजपा पार्षदों ने ‘हिंदुस्तान में रहना है तो वंदे मातरम कहना होगा’ के नारे लगाए।

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