5 मई को सहारनपुर का शब्बीरपुर इलाका सांप्रदायिक हिंसा की आग में जल उठा था. जिसमें हाथों में धारदार हथियारों लेकर न सिर्फ मानवता को तार-तार करते हुए महिलओं के साथ अभद्रता की गई बल्कि लोगो को घर से बेघर भी किया गया था. इस मामले में आराजक तत्वों के खिलाफ कठोर कारवाई तथा पीड़ितों के लिए कई मांगों को लेकर आज एक्शन कमेटी के बैनर तले कई सामाजिक संगठनों ने लखनऊ विधानसभा के सामने जमकर विरोध प्रदर्शन किया.

मुख्यमंत्री के सामने रखीं ये मांगें-

  • सहारनपुर हिंसा को लेकर कई संगठनों ने आज विधानसभा के सामने उग्र प्रदर्शन किया.
  • जिसमें  जेएनयू, भीमराव आंबेडकर सहित कई विश्वविद्यालयों के छात्र शामिल थे.
  • शब्बीरपुर की घटना की न्यायिक और स्वतंत्र जांच हो.
  • इस सांप्रदायिक घटना में लिप्त दोषियों की गिरफ्तारी हो.
  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दोषियों पर मुकदमा दर्ज हो.

  •  घटना में पीड़ितों के जले हुए घर को सरकार द्वारा बनाया जाए.
  • साथ ही इस जातिय हिंसा में पीड़ित परिवारों को 50 लाख मुआवजा दिया जाये.
  • यही नही पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाए.
  • इसके अलावा फर्जी मामलों में फ़साये गए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को बिना शर्त रिहा किया जाये.
  • साथ ही प्रदेश में महिलाओं , अनुसूचित जाति , जनजाति, पिछड़े तथा अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान की जाए.

  • इन मांगों को गंभीरता से न लिए जाने पर प्रदेश बंद की चेतावनी भी दी गई है.
  • बात दें कि प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने मीडिया कर्मियों से भी अभद्रता भी की.
  • साथ ही उन्हें दलाल कह कर भी संबोधित किया.
  • जिसका विरोध मीडिया कर्मियों ने अपना कैमरा झुका कर जताया.

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