समाजवादी पार्टी में मुलायम सिंह यादव के करीबी और अखिलेश सरकार के पूर्व मंत्री नारद राय फिर से अपने पुराने घर समाजवादी पार्टी में लौट आए हैं। हालाँकि इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन उनकी गाड़ी पर समाजवादी पार्टी के झंडे ने जगह ले ली है जिसके बाद इस बारे में चर्चा तेज हो गयी है। बलिया के बिल्थरारोड में पूर्व मंत्री स्व. शारदानंद अंचल के जन्मदिन कार्यक्रम में सपा नेताओं के साथ उनकी मौजूदगी ने इसे और बल दे दिया। इसके अलावा बलिया से निकलने वाली साइकिल यात्रा को लेकर सपा की बैठक हुई जिसमें पहुंचकर पूर्व मंत्री नारद राय ने अपनी वापसी का आधिकारिक ऐलान कर दिया है।

सपा से दिया था इस्तीफ़ा :

यूपी के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सपा में छिड़ी रार ने पूर्व मंत्री नारद राय को लपेटे में ले लिया था। नारद राय सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव व शिवपाल यादव के खेमे के थे जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा था। पार्टी की कमान अखिलेश यादव को मिली तो नारद राय की स्थिति कमजोर पड़ी। इसके साथ ही बलिया की नगर विधानसभा सीट से सपा ने उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया तो नारद राय ने बसपा का दामन थाम लिया। उन्होंने बसपा के टिकट पर चुनाव भी लडा लेकिन सफलता नहीं मिली सकी। इसके बाद से बसपा में वे काफी उपेक्षित महसूस कर रहे थे।

पूर्व मंत्री ने किया सभा को संबोधित :

बलिया की जिला समाजवादी पार्टी की बैठक कार्यालय पर हुई जिसमें 26 जुलाई से जयप्रकाशनगर से जनेश्वर मिश्र पार्क लखनऊ तक निकलने वाली लोकतंत्र बचाओ समग्र क्रांति साइकिल यात्रा व जनेश्वर मिश्र की जयंती के संबंध में तैयारियों पर चर्चा की गई। इस बैठक में सबसे हैरान कर देने वाला चेहरा पूर्व मंत्री नारद राय का था। सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री मो.जियाउद्दीन रिजवी ने कहा कि समाजवादियों की साइकिल यात्रा लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करेगी तथा आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी, योगी को सबक सिखाएगी। इसके अलावा पूर्व मंत्री नारद राय ने कहा कि समाजवादी साइकिल यात्रा के माध्यम से छोटे लोहिया जनेश्वर मिश्र के विचारों से समग्र क्रांति आएगी तथा समाजवाद का असली मतलब मोदी, योगी को समझ आएगा।

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