2019 के लोकसभा चुनावों के पहले समाजवादी पार्टी ने तैयारियां करना शुरू कर दिया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक पर संगठन को मजबूती देने में लगे हुए हैं। इसके अलावा सपा के बागी और अनुशासन तोड़ने वाले नेताओं पर भी अखिलेश यादव ने नकेल कसना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के विधायक के पुत्र और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष को पार्टी से निकाल दिया है। इस खबर के सामने आते ही पूरी पार्टी में हडकंप मच गया है। सपा विधायक और उनके पुत्र को मुलायम और शिवपाल यादव का काफी करीबी माना जाता है।

विधायक के बेटे को किया निष्कासित :

जनपद फिरोजाबाद के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और समाजवादी पार्टी के सिरसागंज से विधायक हरिओम यादव के पुत्र विजय प्रताप यादव उर्फ छोटू को समाजवादी पार्टी से बाहर कर दिया गया है। विजय प्रताप पर पार्टी विरोधी और अनुशासनहीनता के आरोप लगे हैं। इसके बाद सपा हाईकमान ने उनके ऊपर यह कार्रवाई की है। विजय प्रताप यादव सिरसागंज से सपा विधायक हरिओम यादव के पुत्र हैं। पिछले कुछ दिनों से विधायक पिता और उनके पुत्र लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने बीते दिनों इन पर पंचायत सदस्यों को बेचने का आरोप लगाया था।

 

ये भी पढ़ें: सुबह 9 बजे तक कैराना में 10.20 % और नूरपुर में 6 % मतदान

 

सपा ने बना ली थी दूरी :

सपा महासचिव रामगोपाल यादव के बयान के सामने आने के बाद से समाजवादी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विधायक हरिओम यादव और उनके पुत्र से दूरी बना ली थी। इसका साफ़ उदाहरण हाल में सिरसागंज के गांव पैगू गढ़ी में युवक की हत्या के बाद उपजे विवाद में देखने को मिला था। यहाँ पर ग्रामीणों को भड़काने के आरोप में पुलिस ने विधायक और उनके पुत्र को जेल भेजा था। इस दौरान सपा नेताओं ने विजय प्रताप और उनके विधायक पिता से दूरी बनाए रखी थी। सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में पिता-पुत्र बड़ा ऐलान करने का मन बना रहे हैं।

 

ये भी पढ़ें: कैराना-नूरपुर उपचुनाव: कई बूथों पर ईवीएम खराब, मतदाताओं ने किया हंगामा

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें