मिशन 2019 को साधने के लिए सभी राजनीतिक दल किसानों को अपनी ओर मोड़ने की जुगत में लगे हुए हैं। सत्ता पक्ष हो या फिर विपक्ष सभी अपने आप को किसानों के सबसे बड़ा हितैषी बता रहे हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही है जो शायद किसानों को भी मालूम हो चुकी है । सरकार चाहे किसी का भी दल की रही हो किसानों का हमेशा शोषण होता रहा है। शायद इसीलिए अब राजनीतिक दलों के धरना प्रदर्शन व सभाओं में किसानों की भीड़ कम देखने को मिल रही है। राजनीतिक भाषण बाजियों से किसान ऊब चुके हैं।

किसानों के लिए सपा ने किया चीनी मीलों के गेट पर धरना प्रदर्शन:

आज समाजवादी पार्टी ने किसानों के गन्ना मूल्य बकाया के भुगतान को लेकर प्रदेश की सभी चीनी मिलों के गेट के सामने धरना प्रदर्शन किया। इसी कड़ी में बलरामपुर जिले के तीन चीनी मिलों के सामने धरना प्रदर्शन किया गया।
बलरामपुर चीनी मिल, तुलसीपुर शुगर मिल तथा बजाज शुगर मिल इटई मैदा के गेट पर समाजवादी पार्टी के नेताओं ने धरना प्रदर्शन आयोजित किया लेकिन कहीं भी किसानो की भारी भीड़ देखने को नहीं मिली।

Samajwadi Party leaders protest for farmers sugarcane payment

एसडीएम सदर अरुण कुमार गौड़ को सौपा ज्ञापन:

बलरामपुर चीनी मिल गेट पर पूर्व मंत्री डॉक्टर शिव प्रताप यादव की अगुवाई में पूर्व विधायक जगराम पासवान तथा जिला अध्यक्ष ओंकार नाथ पटेल के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन कर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसडीएम सदर अरुण कुमार गौड़ तथा पुलिस क्षेत्राधिकारी ओपी सिंह को दिया गया। प्रदर्शन स्थल पर कुछ कार्यकर्ताओं को छोड़कर किसानों की भीड़ अपेक्षा के अनुरुप नहीं जुटी।

योगी सरकार तथा मोदी सरकार पर साधा निशाना:

धरना के दौरान मंत्री विधायक व सपा नेताओं ने प्रदेश की योगी सरकार तथा केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा । पूर्व मंत्री ने तो यहां तक कह दिया कि  योगी के छुट्टा जानवर तथा भाजपा के दलाल नेता किसानों के सबसे बड़े दुश्मन है और इनके रहते किसान कभी सुखी नहीं हो सकता।
प्रदर्शन के दौरान सपा के महासचिव फ्लावर जावेद, छात्र सभा के नेता शानू खान, महेंद्र यादव सहित तमाम सपा नेता व कार्यकर्ता मौजूूद थे । वही तुलसीपुर शुगर मिल गेट पर पूर्व विधायक मसूद खान तथा इटाई मैदा बजाज शुगर मिल गेट पर पूर्व विधायक आरिफ अनवर हाशमी ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया और सभी ने सरकार को खरी खोटी सुनाई तथा सपा को ही किसानों का सबसे हितेषी पार्टी बताया.
उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने पर ही किसानों को सही हक मिल पाएगा। बरसात के कारण अपेक्षा के अनुरूप भीड़ जुटाने में कामयाबी नहीं मिल सकी। सपा नेताओंं ने यह भी ऐलान किया है कि यदि शीघ्र किसानो के गन्नेे का भुगतान नहीं किया गया तो आर-पार की लड़ाई शुरू की जाएगी।

5 सूत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन:

प्रदर्शन के दौरान 5 सूत्री मांग पत्र राज्यपाल को संबोधित जो सौंपा गया है.
-उसमें गन्ना किसानों के 15 हजार करोड़ रुपए चीनी मिलों पर बकाया है उसे तत्काल भुगतान कराने,
-14 दिनों में भुगतान न होने की दशा में ब्याज सहित भुगतान किया जाए,
-केंद्र सरकार द्वारा घोषित गन्ने का समर्थन मूल्य 275 प्रति कुंतल बहुत कम है इसेेेे और बढ़ाया जाए,
-किसानों के गन्ना सर्वे में गन्ना समिति द्वारा  की जा रही धांधली को तत्काल रोक कर  सही सर्वे कराया जाए
-किसानों  के फसल को  हो रहे छुट्टा जानवरों से नुकसान से बचाने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं ।

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