उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मशहूर अभिनेत्री विद्या बालन को ‘समाजवादी पेंशन योजना’ का ब्रांड एम्बेसडर बनाया था. अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान भी समाजवादी पेंशन योजना की तारीफों के पुल बांधे थे और कहा था कि इस योजना की जगह कोई नहीं ले सकता है. लेकिन सत्ता बदलते ही भाजपा ने न सिर्फ ऐसी कई योजनाओं को बंद किया बल्नकी योजनाओं से समाजवादी शब्द हटाकर उनको नया नाम भी दिया. वहीँ अखिलेश यादव द्वारा शुरू की गई कई योजनाओं की जाँच के आदेश भी दिए थे. रिवर फ्रंट से लेकर आगरा-एक्सप्रेसवे पर भी भाजपा सरकार ने ऊँगली उठाई थी. अनियमितता के मामले में अब समाजवादी पेंशन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के लिए मुसीबत बन सकती है क्योंकि 33 जिलों से आई रिपोर्ट में ऐसी कई हैरान करने वाली बातें सामने आई हैं.

नौकरी में महिला, फिर भी मिल रही थी पेंशन

सपा सरकार द्वारा पेंशन योजना में बिजनौर सबसे अधिक गड़बड़ी सामने आई है. इस योजना में गड़बड़ी की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. योगी सरकार बनने के बाद हो रही जांच. सपा पेंशन योजना की 37 जिलों की रिपोर्ट आ चुकी है. पक्के मकान और ट्रैक्टर फिर भी पेंशन मिलता रहा. कई नौकरीपेशा महिलाएं को भी पेंशन मिल रही थी. बिजनौर में 100 से अधिक मामले गड़बड़ मिले हैं और हैरानी की बात तो ये है कि मृतकों को भी पेंशन दी जा रही थी.

लखपतियों को दी जा रही थी पेंशन

अखिलेश सरकार में 40 से ज्यादा लखपति परिवारों को पेशन मिल रही थी.  सपा पेंशन में बिजनौर में सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है. जबकि सुल्तानपुर में 24 शिक्षकों को पेंशन मिल रही थी. 2600 अपात्रों को योजना की पेँशन मिल रही थी. बिजनौर,सुल्तानपुर में बड़ी गड़बड़ी मिली है. सपा सरकार में पेंशन घोटाला सामने आया है जिसकी जाँच की जा रही है. बता दें कि अखिलेश यादव ने समाजवादी पेंशन बंद होने को द्वेष की राजनीति का नाम दिया था लेकिन अब देखने वाली बात है कि पेंशन में गड़बड़ी पर उनका क्या बयान आता है.

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