उत्तर प्रदेश में हम पुलिस के नकारात्मक व्यव्हार के बारे में तो हमेशा ही सुनते रहते हैं।
- आइये आपको बताते हैं ऐसी एक घटना जिसने उत्तर प्रदेश पुलिस का सर गर्व से ऊँचा कर दिया है।
- यह घटना वाराणसी के फूलपुर की है।
- फूलपुर के थाना अध्यक्ष संजीव मिश्रा को किसी व्यक्ति ने यह खबर दी कि एक छोटी सी बच्ची बहुत ही बुरी हालत में रास्ते पर पड़ी हुयी है।
- परन्तु घटना स्थल किसी दूसरे थाना क्षेत्र में आता है।
- फूलपुर के थाना अध्यक्ष संजीव मिश्रा ने इस बात की भी परवाह नहीं की कि यह मामला किसी दूसरे थाना क्षेत्र में आता है, तत्काल घटना स्थल पर पहुँचे।
- फूलपुर के थाना अध्यक्ष संजीव मिश्रा ने बच्ची को गोद में उठाया और उसे लेकर हॉस्पिटल भागे।
- हॉस्पिटल पहुँचने पर डॉक्टरों द्वारा इलाज़ में लापरवाही दिखाने पर फूलपुर के थाना अध्यक्ष संजीव मिश्रा ने बच्ची को लेकर वहाँ से तुरन्त दूसरे हॉस्पिटल गए।
- संजीव मिश्रा को वहाँ भी सिर्फ बहाने ही सुनने को मिले।
- जिसके बाद संजीव मिश्रा बच्ची को लेकर एक प्राइवेट हॉस्पिटल में पहुँचे।
- हॉस्पिटल पहुँचते ही हॉस्पिटल वालों ने पूछा कि इलाज का खर्चा कौन उठाएगा ? संजीव मिश्रा ने कहा मैं।
- संजीव मिश्रा बोले कि मैं ही इस बच्ची का गार्डियन और मैं ही इस बच्ची के इलाज का खर्च उठाऊंगा।
- उसके बाद जाकर उस बच्ची का इलाज़ शुरू किया गया। अब वह बच्ची ठीक हो रही है । (इस बच्ची के साथ एक अधेड़ ने दुष्कर्म किया था, उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा जा चूका है )
हम फूलपुर के थाना अध्यक्ष संजीव मिश्रा की दिल से सराहना करते हैं। और उम्मीद करते हैं कि काश हर पुलिस वाला संजीव मिश्रा जैसा ही बनने की कोशिश करे। इसके साथ ही एक बड़ा प्रश्न यह भी उठता है कि एक बार सरकारी हॉस्पिटल ले जाने के बाद सही इलाज़ की जिम्मेदारी किसकी है ?
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Ashutosh Srivastava
Reporter at uttarpradesh.org, News Junkie,Encourager not a Critique Admirer of Nature.