आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने शनिवार को राजधानी लखनऊ में शिक्षामित्रों से मुलाकात की और उनके आन्दोलन को समर्थन दिया। इसके पूर्व में सांसद संजय सिंह शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पदों पर स्थाई नियुक्ति के मामले को जोरदार तरीके से गुरूवार को राज्यसभा में उठा चुके हैं।

सांसद संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपने पसंद के सचिव की नियुक्ति एवं जलीकुट्टी के लिए कानून में संशोधन कर सकते है तब 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों के गरीबी, भुखमरी के दौर से गुजर रहे परिवारों के लिए कानून में बदलाव क्यों नहीं कर रहे हैं। ये बेहद शर्मनाक बात है कि भाजपा सरकार में महिला शिक्षकों को सिर मुड्वाने पड़ रहे हैं, ब्राह्मण शिक्षकों ने अपने जनेऊ उतार दिए। गरीबी और अवसाद के कारण 700 शिक्षामित्रों ने आत्महत्या कर ली है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में तीन महीने के अंदर शिक्षामित्रों की समस्या के समाधान का वादा किया था लेकिन योगी सरकार ने शिक्षामित्रों को न्याय न दिलाकर उनके उपर लाठियां चलवाई।

उन्होंने कहा कि समान शासनादेश से यूपी और उत्तराखंड दोनों प्रदेशों में शिक्षामित्रों की नियुक्ति हुई थी। उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों का डिमोशन हो गया जबकि उत्तराखंड में समान शासनादेश से एक ही समय में नियुक्त शिक्षामित्र सहायक अध्यापक का वेतन पा रहे हैं। इस पर सरकार से सवाल किया है कि ऐसा क्यों है कि उत्तराखंड जैसे प्रावधान उत्तर प्रदेश में लागू नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि योगी सरकार चाहे तो माननीय सर्वोच्य न्यायालय का समान कार्य-समान वेतन का आदेश लागू कर तत्काल शिक्षामित्रों का राहत दे सकती है लेकिन मुख्यमंत्री कमेटी गठित कर शिक्षामित्रों को उल्लू बनाओ योजना चालू करना चाहते हैं।

मुख्यमंत्री योगी ने शिक्षामित्रों की मांगों के निराकरण के लिए कमेटी गठित की है इस पर सांसद संजय सिंह ने स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा कमेटी गठित करना शिक्षामित्रों को उल्लू बनाओ योजना है और आन्दोलन को समाप्त करने का एक षड्यंत्र है। इससे पहले भी सरकार शिक्षामित्रों की नियुक्ति को लेकर कई वादे कर चुकी है। शिक्षामित्रों का पूरा मामला मुख्यमंत्री का समझा हुआ है इसलिय उनको फर्जी कमेटी गठित न कर शिक्षामित्रों को तत्काल सहायक अध्यापक के पद पर तैनाती देनी चाहिए। शिक्षामित्रों की इस लड़ाई में आम आदमी पार्टी सड़क से लेकर संसद तक उनके साथ है।

सांसद संजय सिंह ने बताया कि जल्द ही दिल्ली में विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर शिक्षामित्रों की समस्या के समाधान के लिए उनसें बातचीत करूँगा और इसके बाद केन्द्रीय शिक्षा मंत्री से मुलाक़ात कर शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर स्थाई रूप से तत्काल नियुक्ति एवम मृत शिक्षामित्रों के परिवारों को मुआवजा देने का तत्काल प्रभाव से आदेश जारी करने की मांग करेंगे।

शिक्षामित्रों की प्रदेश अध्यक्षा उमा देवी ने आप सांसद संजय सिंह का उनके इस संघर्ष में साथ देने के लिए विशेष रूप से धन्यवाद दिया और कहा शिक्षामित्रों के मुद्दे पर कोई भी राजनीतिक दल उनसे मिलने नहीं आया केवल आम आदमी पार्टी ने खुलकर समर्थन किया है और देश के सर्वोच्य सदन में शिक्षामित्रों के मुद्दे को उठाकर लाखों शिक्षामित्रों के लिए संजीवनी का कार्य किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि योगी सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो आगामी लोकसभा चुनाव में बिना जनेऊ के पुरुष शिक्षक और सिर मुडवाकर महिला शिक्षक घर-घर जाकर भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगी।

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