Navratri 2019 : आज, रविवार से शारदीय नवरात्र का प्रारम्भ हस्त नक्षत्र में हो रहा है। लंबे समय बाद शारदीय नवरात्र व्रत पूरे नौ दिन के होंगे। 29 सितंबर से प्रारम्भ होकर 8 अक्तूबर तक यह चलेंगे।

  • बहुत समय बाद इस बार किसी तिथि का क्षय नहीं है।
  • क्रमवार सभी नवरात्र व्रत होंगे।8 अक्टूबर को विजय दशमी है।
  • इस दिन देवी प्रतिमाओं का विसर्जन होगा।
  • खास बात यह है कि इस बार नवरात्रि में सर्वार्थसिद्धि योग के साथ अमृत सिद्धि योग का अद्भुत संयोग देखने को मिल रहा है।
  • ऐसे में आइए जानते हैं कलश स्थापना के लिए क्या है श्रेष्ठ चौघड़िया मुहूर्त।

घट स्थापना मुहूर्त-

आश्विन प्रतिपदा ( 29 सितंबर) को घट स्थापना का समय इस प्रकार रहेगा।
-प्रात: 6.17 से प्रात: 7.40
-पूर्वाह्न 11.48 से 12.35 बजे तक
-अभिजीत मुहूर्त- 6.01 से 7.25 बजे तक

श्रेष्ठ मुहूर्त- 

29 सितंबर को प्रात: 9.56 से स्थिर लग्न प्रारम्भ हो जाएगा जो बारह बजे तक रहेगा। इसी समय शुभ चौघड़िया मुहूर्त भी मिलेंगे। इसलिए, यह समय श्रेष्ठ है।  सुबह 6.16 से 07.40 बजे तक का समय कलश स्थापना के लिए श्रेष्ठ है।

किस दिन क्या संयोग – 

29 सितंबर- सर्वार्थसिद्धि व अमृत सिद्धि योग
1 अक्टूबर- रवि योग
2 अक्टूबर- रवि योग व सर्वार्थ सिद्धि योग
3 अक्टूबर- सर्वार्थसिद्धि योग
4 अक्टूबर- रवि योग
6 अक्टूबर- सर्वार्थ सिद्धि योग
7 अक्टूबर- सर्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग

किस दिन की किसकी पूजा-

29 सितंबर- शैलपुत्री
30 सितंबर- ब्रह्मचारिणी
01 अक्तूबर- चंद्रघंटा
02 अक्तूबर- कूष्मांडा
03 अक्तूबर- स्कंदमाता
04 अक्तूबर- कात्यायनी
05 अक्तूबर- कालरात्रि
06 अक्तूबर- महागौरी
07 अक्तूबर- सिद्धिदात्री
08 विजयदशमी, देवी प्रतिमा विसर्जन

इस मंत्र से करें घट स्थापना-

-ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
-ऊं दुं दुर्गायै नम:
-ऊं ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
-ऊं श्रीं ऊं
-ऊं ह्लीं ऊं ( पीतांबरा या दश महाविद्या उपासक उपासक)

( इनमें से किसी भी मंत्र को पांच से सात बार पढकर कलश स्थापना कर सकते हैं)

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