नोटबंदी के समय में एक ओर देश भर के लोग छुट्टे पैसे नहीं मिलने से परेशना है, वहीं लखनऊ में बैंक अपने कस्टर में छुट्टे पैसे लेने से ही इंकार कर रहे हैं। राजधानी में एक व्यापारी को बैंक द्वारा मना करना भारी पड़ा। क्योंकि यह व्यापारी बैंकों को हाईकोर्ट तक ले गया। जहां आखिर जीत कस्टमर की ही हुई।

ऐसे खड़ा हुआ विवाद :

  • मिल्क मेड कंपनी के सह मालिक संदीप आहूजा कुछ दिन पहले रूपये जमा करवाने बैंक पहुंचे।
  • उनके पास 40 लाख रूपये के छुट्टे पैसे थे।
  • हालांकि एसबीआई की मिल ररिया ब्रांच और इलाहाबाद बैंक की हुसैनगंज ब्रांच से रूपये जमा करने से मना कर दिया।
  • बैंकों के इस बर्ताव पर आहूजा ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अपील की।
  • उन्होंने कोर्ट को बताया कि उनके पास 1, 2 और 10 रूपये के सिक्के है। जिनका कुल मुल्य 40 लाख है।

कोर्ट में निकला हल :

  • याची के मामले पर दोनों बैंकों के एडवोकेट ने कोर्ट से कहा कि इस वक्त बैंकों पर काम का बहुत दबाव है।
  • ऐसे में सिक्कों में इनती बड़ी रकम गिनना अभी संभव नहीं है।
  • इस पर रास्ता यह निकाला गया कि 1 जनवरी से बैंक रोजाना 5 हजार रूपये जमा करेंगे।
  • इसके लिए याची को बैंक की तरफ से कार्यदिवस में 3 से 4 बजे का समय दिया गया है।

आरबीआई करेगा सिक्के मामले की जांच :

  • कोर्ट ने इस मामले को आरबीआई और इनकम टैक्स विभाग के संज्ञान में लाने को कहा है।
  • कोर्ट ने निर्देश दिए है कि कस्टमर के पास इतने सिक्के कहां से आए इसकी जांच की जाएं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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