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SC/ST Act: कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार के कानून में कितना फर्क

SC ST Act: government amendment and court order difference

SC ST Act: government amendment and court order difference

इसी साल 2 मई को दलितों ने भारत बंद का आह्वान किया था, जिसके बाद बीतें दिन 6 सितंबर को स्वर्ण समाज ने देश व्यापी आन्दोलन किया. देश में लगातार इस तरह अलग अलग समुदायों द्वारा इतने बड़े और देश स्तरीय आंदोलन के पीछे का कारण एक ही हैं, वो है SC-ST Act.

दलितों और सवर्णों का SC-ST Act के कारण आंदोलन:

एससी/एसटी एक्ट के बारें में ये कहें कि भले ही ये कानून दलितों को सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन इसके गलत इस्तेमाल से सवर्णों की सुरक्षा में हस्तक्षेप भी होता है, तो ये कहना कुछ स्तर तक सही रहेगा.

यहीं वजह है कि देश के सर्वोच्च न्यायालय के एससी/एसटी कानून से जुड़े फैसले के बाद दलितों में नाराजगी देखने को मिली और उन्होंने कोर्ट के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए 2 मई को भारत बंद बुलाया.

देखते ही देखते ये आन्दोलन उग्र हो गया. कई जगह दंगे भड़के, कई लोगों की जान गयी और कई जेल गये. इस उग्र प्रदर्शन की यादों से उबर पाते उससे पहले ही सवर्णों ने एससी/एसटी एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर दिया.

सवर्णों का ये प्रदर्शन इस कानून को केन्द्र सरकार के संरक्षण मिलने के बाद हुआ, जो भले ही दलित आन्दोलन की तरह उग्र नहीं था, लेकिन जिसने साफ़ साफ़ दिखा दिया कि वे इस कानून के खिलाफ और सर्वोच्च न्यायालय के साथ हैं.

वैसे जानना गौरतलब होगा कि आखिर एससी/एसटी एक्ट है क्या जिसे लेकर दो समुदाय अपने अपने अस्तित्व को बचाने में लगे हैं, वहीं जिसमें देश की शीर्ष अदालत के फैसले के बाद भी केन्द्र सरकार ने इसके विपरीत कानून बनाया.

क्या है SC-ST Act?

[penci_blockquote style=”style-3″ align=”none” author=””]हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून के प्रावधान में बदलाव कर इसे कथित तौर पर थोड़ा कमजोर बनाना चाहा. [/penci_blockquote]

सुप्रीम कोर्ट ने किया SC/ST एक्ट में यह बदलाव:

[penci_blockquote style=”style-3″ align=”none” author=””]सुप्रीम कोर्ट ने इस एक्ट के बड़े पैमाने पर गलत इस्तेमाल की बात को मानते हुए किये थे एक्ट में बदला[/penci_blockquote]व.

ये है संशोधित कानून:

[penci_blockquote style=”style-3″ align=”left” author=””]एससी/एसटी संशोधन कानून 2018 को लोकसभा और राज्यसभा ने पास कर दिया था और इसे अब अधिसूचित भी कर दिया गया है.[/penci_blockquote]

एससी/एसटी संशोधन में नए प्रावधान 18A के लागू होने से दलितों को परेशान करने के मामले में तत्काल गिरफ्तारी होगी.

अग्रिम जमानत भी नहीं मिल पाएगी.

[penci_blockquote style=”style-3″ align=”left” author=””]बता दें कि याचिका में इसी प्रावधान पर एतराज जताया गया था. साथ ही, संशोधित कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है. [/penci_blockquote]

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