राजधानी में आज कई प्राइवेट व मिशनरी स्कूल बंद रहेंगे। निजी स्कूलों पर बढ़ते सरकारी नियंत्रण और शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के गलत क्रियान्वयन का आरोप लगाकर स्कूल संचालक लामबंद हो गए हैं। उनका कहना है कि इन स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षक व कर्मचारियों की सुरक्षा की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। हर बात में सीधे स्कूल वालों को ही दोषी बना दिया जाता है।

लखनऊ में अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने यह फैसला लिया कि नई दिल्ली के रामलीला मैदान में देश के अन्य स्कूलों के संगठनों के साथ विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। हालांकि अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि इसका फीस अध्यादेश से कोई लेना-देना नहीं है। अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि सात अप्रैल को राजधानी के कई प्राइवेट स्कूल और मिशनरी स्कूल बंद रहेंगे। हम स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों की सुरक्षा की मांग करते हैं।

अभिभावक महिला स्टाॅफ से भी करते है अभद्र भाषा का प्रयोग

अनएडेड स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि बच्चों को स्कूूल में सीढ़ी उतरते दौरान भी यदि चोट लग जाती है तो अभिभावकों द्वारा सीधे स्कूल पहुंचकर शिक्षकों के साथ अभद्र व्यवहार करना शुरू कर देते हैं। यहां तक कि महिला स्टाॅफ से भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाता है। यह अभिभावकों द्वारा किया गया व्यवहार निन्दनीय है। हम लोग सिर्फ साइलेंट प्रोटेस्ट कर रहे हैं। हमलोग अपने विद्यालय में ही इस बात पर चर्चा कर रहे है। कहा कि हम आरटीई का विरोध नहीं कर रहे है। जो विद्यालयों को प्रतिपूति राशि दी जा रही है वो एक्ट 12 (2) के तहत नहीं दी जा रही है। हम इसके गलत तरीके से हो रहे क्रियानवयन पर सवाल उठा रहे हैं।

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