उत्तर प्रदेश की विधानसभा में 12 जुलाई को मानसून सत्र की कार्यवाही से पहले नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी की टेबल के नीचे विस्फोटक पदार्थ मिला था, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुरोध पर विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने मामले की जांच NIA को सौंपने की बात कही थी। वहीँ विधानसभा की सुरक्षा में सबसे बड़ा मुद्दा है सदन में एंट्री(security reality check) का।

विधानसभा में नहीं होती है विधायकों की चेकिंग(security reality check):

  • यूपी विधानसभा में विस्फोटक पदार्थ मिलने के बाद से पूरे यूपी में हाई अलर्ट जारी किया गया है।
  • सूबे के महत्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।
  • वहीँ शनिवार को NIA और UP ATS की टीमों ने विधानसभा की सघन तलाशी ली थी।
  • हालाँकि, सदन में विस्फोटक मिलना अपने आप में सुरक्षा में हुई चूक को दर्शाता है।
  • लेकिन यह चूक अकेले विधानसभा के सुरक्षाबलों पर नहीं थोपी जा सकती है।
  • गौरतलब है कि, विधानसभा में एंट्री के दौरान किसी भी विधायक की चेकिंग नहीं की जाती है।
  • यह एक प्रकार से नियम है, जो अपने आप में सदन की सुरक्षा से समझौता और खिलवाड़ एक साथ है।

5 से 25 हजार में बन जाते हैं पास(security reality check):

  • विधानसभा में विस्फोटक पदार्थ मिलने के बाद सदन की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है।
  • लेकिन भ्रष्टाचार के आगे कितने भी सुरक्षाबल पर्याप्त नहीं होंगे।
  • सूत्रों के मुताबिक, यूपी विधानसभा में एंट्री के लिए बनने वाले पास की कीमत ब्लैक में 5 से लेकर 25 हजार तक है।

वर्तमान में 4 हजार से ज्यादा पास(security reality check):

  • सूत्र आगे बताते हैं कि, वर्तमान समय में विधानसभा के लिए करीब 4 हजार से ज्यादा पास जारी किये गए हैं।
  • मार्च 2017 से लेकर जुलाई 2017 के बीच करीब 4465-70 तक पास जारी किये गए हैं।
  • ये पास गाड़ियों से लेकर रेगुलर पास हैं।

विधायक जी अकेले, पास दो(security reality check):

  • सूत्रों के मुताबिक, विधानसभा के कई विधायक ऐसे भी हैं, जिनके नाम पर 2-2 गाड़ियों के पास बने हुए हैं।
  • वहीँ नियम के मुताबिक, एक विधायक की गाड़ी पर सिर्फ एक ही पास बन सकता है।
  • साथ ही एक विधायक अपने साथ के लोगों के लिए 20 पास तक बनवा सकता है, लेकिन कई विधायक इस संख्या को बहुत पीछे छोड़ देते हैं।

भाजपा ने भी बनवाए करीब 250 पास(security reality check):

  • पास बनवाने के मामले में भाजपा भी पीछे नहीं है।
  • पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, भाजपा संगठन के बड़े पदाधिकारी ने तकरीबन 250 लोगों के लिए पास बनवाए हैं।
  • इतना ही नहीं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह सभी पास केवल सफ़ेद कागज पर नाम लिख फोटो के साथ बनवाए गए थे।
  • सूत्रों की मानें तो, ये 250 लोग वहीँ हैं जो सपा और बसपा की सरकार में भी सदन में एक्टिव रहे थे।
  • ज्ञात हो कि, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि, ये पास बन चुके हैं या प्रोसेस में थे।

बाइक का पास नहीं, पास की चेकिंग-गाड़ियों की चेकिंग नहीं(security reality check):

  • विधानसभा में विस्फोटक के बाद सदन की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है।
  • जिसके बाद शनिवार को विधानसभा में एंट्री से पहले पास की चेकिंग की जा रही थी।
  • सुरक्षा के बावजूद गाड़ियों की चेकिंग नहीं की जा रही थी।]
  • वहीँ विधानसभा में एंट्री के लिए बाइक का पास नहीं बनता है।
  • विधानसभा में रोजाना करीब एक हजार बाइक अलग-अलग कर्मचारियों की खड़ी होती हैं।

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