Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

मुन्ना बजरंगी को जेल से निकालकर मुठभेड़ में मारना चाहती है पुलिस – सीमा सिंह

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में ‘खाकी’ का खौफ लगातार जारी है। ताबड़तोड़ हो रहे एनकाउंटर से अपराधियों में खौफ तो इस कदर कायम हुआ कि उनमें जमानतें निरस्त कराकर कोर्ट में सरेंडर करने की होड़ लग गई। अपराधियों में पुलिस का खौफ इस कदर व्याप्त हो गया कि वह जेल से बाहर आने में भी घबरा रहे हैं। जो अपराधी जेल के बाहर हैं वो अंडरग्राउंड हो गए हैं, कई कुख्यात अपराधियों ने तो अपनी जमानत रद्द करवा ली है और फिर जेल चले गए हैं। इन कुख्यात अपराधियों के लिए जेल ही सुरक्षित ठिकाना लग रहा है।

मुन्ना बजरंगी का कई बार हो चुका जान से मारने का प्रयास

पुलिस के एनकाउंटर का खौफ माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी के परिवार को सताने लगा है। प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी पर कई आपराधिक मुकदमे पंजीकृत हैं। मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह अपने पति की हत्या की साजिश का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को यूपी प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता की। उनके साथ मुन्ना बजरंगी के वकील विकास श्रीवास्तव भी मौजूद थे। सीमा सिंह ने अपने पति प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी को यूपी एसटीएफ और पुलिस के उच्चाधिकारियों द्वारा फर्जी एनकाउंटर में मारे जाने की बात कहते हुए बताया कि उनके पति को कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों ने षड्यंत्र रच कर कई बार जान से मारने का प्रयास पहले भी किया है। इसके संबंध में उनके द्वारा तमाम जिम्मेदार अधिकारियों पर न्यायालयों में भी शिकायत की गई है।

न्यायालय तक नहीं भेजा जा रहा मेडिकल सर्टिफिकेट

सीमा ने बताया कि कुछ भ्रष्ट तंत्र के व्यक्ति उनके पति को व्यक्तिगत लाभ के लिए फर्जी एनकाउंटर कराने की फिराक में हैं। उन्हें आशंका है कि कुछ सफेदपोश प्रभावशाली व्यक्ति उनके पति व परिवार के अन्य सदस्यों की षड्यंत्र रचकर हत्या करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में उनके पति झांसी जिला कारागार में निरुद्ध हैं। उनका इलाज न्यायालय के आदेशानुसार गठित एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों के बोर्ड द्वारा चल रहा है। डॉक्टरों द्वारा उन्हें यात्रा के लिए आश्वस्त घोषित किया गया है। परंतु नियम विरुद्ध तथा अवैध तरीके से एक ही दिन में तीन-तीन बार बाहरी डॉक्टरों के द्वारा उनका मेडिकल कराया जा रहा है। उन्हें जबरन स्वास्थ्य घोषित कर जेल से बाहर लाकर फर्जी एनकाउंटर का षड्यंत्र किया जा रहा है। जबकि डॉक्टर द्वारा दिया गया मेडिकल सर्टिफिकेट न्यायालय तक भी नहीं लाया जा रहा है।

निरीक्षक ने झांसी जाकर खाने में दिलवाया जहर

इसके अतिरिक्त एसटीएफ के उच्च अधिकारियों की सही पर 9 मार्च 2018 को कानपुर में तैनात निरीक्षक घनश्याम यादव झांसी जेल जाकर वहां के एक अन्य बंदी कमलेश को साथ मिलाकर उनके पति को खाने में जहर देने का षड्यंत्र भी किया गया। इसकी शिकायत इनके द्वारा विभिन्न न्यायालयों, मानवाधिकार, विभिन्न विभागों तथा प्रशासनिक अधिकारियों से की गई। जांच को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एसटीएफ निरीक्षक घनश्याम यादव के जेल में आने तथा बंदी कमलेश से मिलने की पुष्टि हुई है। उक्त की न्यायिक जांच जनपद वाराणसी के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा की जा रही है।

एडवोकेट पुष्पजीत सिंह सहित कई लोगों की षड्यंत्र के तहत हो चुकी हत्या

सीमा सिंह द्वारा यह भी बताया गया कि उनके भाई पुष्पजीत सिंह एडवोकेट जो उनके पति के मुकदमे की पैरवी करते थे उनकी हत्या भी एक षड्यंत्र के तहत 5 मार्च 2016 को कर दी गई थी। इसमें 2 वर्षों तक जांच के नाम पर टालमटोल किया गया तथा उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप वह झूठे तथ्यों एवं साक्ष्यों के आधार पर उक्त मामले में अंतिम रिपोर्ट लगाते हुए नामजद अभियुक्तों को क्लीन चिट दे दी गई। इसके तुरंत बाद उनके अन्य शुभचिंतक मोहम्मद तारिक की हत्या 1 दिसंबर 2017 को अंधाधुंध फायरिंग करके करा दी गई। जिसकी जांच में भी टाल मटोल को हीला हवाली की जा रही है और आज तक पुलिस नामजद अभियुक्तों के घर की कुंडी तक नहीं खटखटा पाई।

अभियुक्तों और शूटरों को संरक्षण दे रहे एसटीएफ के अधिकारी

सीमा सिंह ने बताया कि मुझे यकीन है कि इन सभी घटनाओं के षड्यंत्र में एसटीएफ के उच्च अधिकारी संबंधित अभियुक्तों एवं शूटरों को संरक्षण दे रहे हैं तथा एसटीएफ के एक उच्च अधिकारी के संबंधित अभियुक्तों से पारिवारिक एवं करीबी रिश्ते भी हैं।

ये भी पढ़ें- लखनऊ में मुठभेड़: दो बांग्लादेशी डकैत गिरफ्तार, 4 फरार

ये भी पढ़ें- बरेली: हर्ष फायरिंग में गोली लगने से अपना दल के नेता की मौत

ये भी पढ़ें- महिलाएं कर रहीं खुले में शौच फिर भी लखनऊ छावनी खुले में शौच मुक्त घोषित

Related posts

पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के निर्देश पर प्रदेश भर में चलाया गया 3 घंटे का चेकिंग अभियान, अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था द्वारा समस्त वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक को दिए गए थे सघन चेकिंग अभियान के आदेश, 3 घंटे चले चेकिंग अभियान में 7171 स्थानों पर चेकिंग अभियान चलाया गया जिनमें 50285 संदिग्ध व्यक्तियों की चेकिंग हुई, 1718 व्यक्तियों को हिरासत में ले 441 अभियोग पंजीकृत किए गए, चेकिंग के दौरान 1205550 का संबंध शुल्क वसूला गया वहीं 96 वाहन सीज किए गए ।

Ashutosh Srivastava
7 years ago

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्रॉमा सेंटर जाकर घायल बच्चे का लिया हालचाल

Sudhir Kumar
6 years ago

Exclusive Video: ब्राइट लैंड केस में आरोपी लड़की का पूरा बयान

Sudhir Kumar
7 years ago
Exit mobile version